खुलेआम सादा कपड़ों में पुलिसकर्मी कर रहा उगाही वीडियो वायरल होने के बाद हुआ सस्पेंड
- Sanjay Kumar
- Apr 26, 2024
मनवाल में पुलिस की माइनिंग माफिया के साथ सेटिंग!
स्टेट समाचार के सोशल मीडिया पर खबर चलने के बाद हुई कार्रवाई
जम्मू। स्टेट समाचार
मनवाल पुलिस की माइनिंग माफिया के साथ सेटिंग है, इसलिए दिन रात उस इलाके में माइनिंग के वाहन गुजरते हंै। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही वीडियो कह रही है जिसमें एक पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में माइनिंग वाले वाहनों के साथ सेटिंग कर रहा है। उनसे पैसे पकड़ रहा है। वाहनों को नाके से जाने दे रहा है। अपनी कापी पर उन वाहनों के नंबर नोट कर रहा है जिनके पैसे उसे आ गए हैं। इस प्रकार से इलाके में खेल चल रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्टेट समाचार के सोशल मीडिया पर चलाई गई तो तो उसके बाद एसएसपी जम्मू की तरफ से तुरंत एक्शन लिया गया जिसके बाद हवलदार सुरेन्द्र सिंह को तुंरत सस्पेंड कर दिया गया है। चौकी अफसर मनवाल मनोज रैना तथा मुंशी पप्पू राम के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। डीपीओ जम्मू की तरफ से एक ट्वीट करके इस मामले में की गई कड़ी कार्रवाई के बारे में बताया भी गया है जिससे की पुलिस की तरफ से कड़ा संदेश दिया गया है। जानकारी के अनुसार एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा रहा है कि मनवाल इलाके में स्थित एक नाके पर पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में माइनिंग वालों से पैसे ले रहा है। इस पुलिसकर्मी की पहचान सुरेन्द्र सिंह के रूप में हुई है। वीडियो में देखा जा रहा है कि वह पैसे देने वाले को नाके के अंदर ले जाता है। फिर पुलिसकर्मी एक कापी को निकाल कर वाहनों के नंबर लिखता है। जो वाहन के नंबर लिखाए जाते हैं, वह उधमपुर जिले के नंबर हैं जिससे साफ है कि माइनिंग माफिया इस रूट का इस्तेमाल करके उधमपुर जिले की तरफ जाते हैं। इस पुलिसकर्मी का हौसला इतना बुलंद है कि वह बिना वर्दी के ड्यूटी कर रहा है जिससे साफ है कि वह अकेला इस पूरे मामले में शामिल नहीं है, क्योंकि अगर कोई पुलिसकर्मी नाके पर बिना वर्दी के ड्यूटी कर रहा है। दूसरा वाहनों के नंबरों को लिखने के लिए पूरी एक कापी को बनाया गया है तो जाहिर सी बात है कि उसके बारे में चौकी के सारे स्टाफ को पता है। मनवाल रूट उधमपुर को लगता है, दूसरी तरफ सांबा जिले को जाता है। माइनिंग माफिया तथा मवेशी तस्कर इस रूट का इस्तेमाल बचने के लिए करते हैं, क्योंकि इस रूट का इस्तेमाल करके आराम से बचा जा सकता है। अब देखना यह है कि विभागीय जांच पूरी होने के बाद किस किस पर कार्रवाई होती है।