जीओसी का दावा : कश्मीर में आतंकवाद ले रहा अंतिम सांस, केवल 80 आतंकी बचे
- editor i editor
- Oct 05, 2024

कश्मीर घाटी में आतंकवाद की गतिविधियों पर काबू पाने के लिए भारतीय सेना की लगातार कोशिशें रंग ला रही हैं। जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस वार्ता में कहा कि कश्मीर में आतंकवाद अब अंतिम चरण में है और वर्तमान में केवल 80 आतंकवादी सक्रिय हैं। इस वर्ष कश्मीर में किसी भी स्थानीय युवक की आतंकवादी भर्ती नहीं हुई है। जो कि एक सकारात्मक संकेत है। जनरल घई ने बताया कि पिछले साल की तुलना में घाटी में सुरक्षा स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा इस शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है]और इस पर नजऱ रखने की आवश्यकता है। इस वर्ष अब तक कश्मीर में कोई बड़ी आतंकवादी भर्ती नहीं हुई हैए जबकि पिछले साल 12 स्थानीय युवकों ने आतंकवादी संगठन से जुडऩे का फैसला किया था। ले जनरल घई ने कहा हमारी रणनीति के चलते हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल के मध्य तक आतंकवादियों की संख्या और भी कम हो जाएगी। उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ संपर्क बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि इस संवाद ने कई घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने में मदद की है। साथ हीए उन्होंने ये भी बताया कि घाटी में कुछ आतंकवादी घटनाएं ऐसी भी हैं। जहां अप्रशिक्षित व्यक्तियों ने पिस्तौल का इस्तेमाल किया है। जब सुरक्षाबलों की तैनाती में कटौती के बारे में सवाल किया गया तो ले जनरल घई ने कहा कि वर्तमान स्थिति में आतंकवाद विरोधी अभियानों को कमजोर करने की कोई सिफारिश नहीं की जा सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें और अच्छे सालों की आवश्यकता है ताकि हम मौजूदा आतंकवाद विरोधी ग्रिड को मजबूत कर सकें। जम्मू में आतंकवाद के पैटर्न में बदलाव की बात करते हुए जीओसी ने कहा कि काउंटर इंफिल्ट्रेशन ग्रिड मजबूत है और कई घुसपैठ के प्रयासों को विफल किया गया है। उन्होंने बताया कि जम्मू में शांति बनी हुई है। जो कि सुरक्षा बलों की सफलता का प्रतीक है। 15 अक्टूबर को ले जनरल प्रशांत श्रीवास्तव जीओसी के रूप में कार्यभार संभालेंगे जबकि ले जनरल घई एक नई शुरुआत के लिए कोर को छोड़ रहे हैं। उनका मानना है कि सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इस क्षेत्र को सभी के लिए सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कश्मीर में स्थायी शांति के लिए अभी और मेहनत करने की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान में स्थिति संतोषजनक है।
श्रीनगर। सेना अमेरिकी हथियारों का दस्तावेजीकरण कर रही है जो संभवत: अफगानिस्तान के रास्ते कश्मीर पहुंचे हैं। घाटी में सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने संवाददाताओं को बताया कि ऐसे हथियारों का पता लगाने के लिए अमेरिका के साथ यह मुद्दा उठाने के प्रयास किए जा रहे हैं। घई ने अफगानिस्तान से आए अमेरिकी हथियारों की घाटी में बरामदगी पर चिंताओं के बारे में पूछे गए सवाल पर यह जबाव दिए। उन्होंने कहा, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह हमारी खुफिया एजेंसियों के विशिष्ट क्षेत्र के अंतर्गत आता है और मेरा मानना है कि वे इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने में सक्षम होंगे कि ये हथियार कहां से आ रहे हैं और वे हमारे देश के प्रति शत्रुतापूर्ण रुख रखने वाले लोगों के हाथों में कैसे पहुंच रहे हैं।