अमित शाह तीन रुपये, फारुख अब्दुल्ला पांच रुपये और निर्दलीय 10 रुपये

Jammu Kashmir कोई अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धा हो या फिर भारत के लोकसभा या विधानसभा चुनाव, इन्हें लेकर सट्टेबाजी का बाजार हमेशा गरम रहता है। लोग भी अपनी च्वाइस पर खुलकर सट्टा लगाते हैं। जीत गए तो वारे न्यारे, वरना गई भैंस पानी में। इस बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव दस वर्ष बाद और अनुच्छेद ३७० हटने के बाद पहली बार हुए हैं जिनका परिणाम मंगलवार को आना है। ऐग्जिट पोल कल शाम को जारी हो चुके हैं जिसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा में किसी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा और राज्य की सबसे पार्टी के रूप में नेकां-कांग्रेस गठबंधन बताए गए है, भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी बताई गई है। इन एग्जिट पोल के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले सट्टा बाजार भी पूरी तरह से यौवन पर है। सट्टेबाजों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के जरिये से खुृद को मालामाल करने का रास्ता निकाला है।
 

इस बाजार के मुताबिक भाजपा पर ढाई से तीन रुपये का भाव लगाया है जो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम पर लग रहा है। सट्टा लगाने वालों को भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद प्रदेश में कई परिवर्तन आए हैं जिसको लोग पसंद कर रहे हैं। सट्टा बाजार को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में भाजपा बढ़त बना लेगी। सट्टा बाजार को दूसरी उम्मीद नेकां यानी नेशनल कॉन्फ्रेंस से है। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं नेकां का मुस्लिम मतदाताओं में खासा आधार है और पार्टी ने पिछले 10 साल में अपनी छवि को सुधारने पर काम किया है। सट्टा बाजार ने कश्मीर संभाग में नेकां की संभावनाओं पर चार से पांच रुपये का भाव लगाया है। यह भाव नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के नाम पर लगा है। बाजार को उम्मीद है कि पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।  तीसरा और सबसे कम भाव छह से सात रुपये पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर लग रहा है। सट्टा बाजार का मानना है कि पार्टी ने अपनी पुरानी छवि को बरकरार नहीं रख पाई है। पीडीपी पर लोगों के विश्वास में कुछ कमी महसूस की गई है। सट्टा बाजार ने पहली बार आजाद प्रत्याशियों पर भी भाव लगाया है और इन पर 10 से 15 रुपये का भाव है।  सट्टा लगाने वालों का कहना है कि इंजीनियर रशीद के जेल से रिहाई के बाद उनकी अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात से लड़ रहे निर्दलीय एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर टक्कर में हैं। हालांकि बाजार ने इनकी जीत की उम्मीद को कम आंका है लेकिन भाव जरूर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में नेकां-कांग्रेस और भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने का दावा कर रहे हैं। पीडीपी चुनाव के वक्त से ही इस स्टैंड पर कायम है कि प्रदेश में कोई भी पार्टी बहुमत में नहीं आ रही है और सरकार बनाने में उनकी किंगमेकर की भूमिका होगी। आम लोगों में भी बहुमत की सरकार को लेकर असमंजस की स्थति है।

   

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