रामलीला में सीता हरण दृश्य हुआ मंचित....

 
 
भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी के जयकारों से गूंजमय हुआ पंडाल
 
चंडीगढ़ 9 अक्टूबर 2024: मौली कॉम्प्लेक्स में उत्तराखंड रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में दर्शकों ने सीता हरण का दृश्य देखा। इस दृश्य को कलाकारों ने बखूबी मंचित किया। 
 
मंचित दृश्य में दिखाया गया गया कि रावण बहुत ही चतुराई के साथ सीता मैया का अपहरण करता है। सीता माता के कहने पर लक्ष्मण जी राम को ढूढने से पहले वे कुटिया के चारों ओर एक रेखा खींच देते हैं और इस रेखा से बाहर न जाने का निवेदन करते हैं। 
 
दृश्य में दिखाया गया गया कि रावण, जो कि इसी अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था, कि राम और लक्ष्मणजी कुटिया से दूर जाये और वह अपने कार्य को पूर्ण कर सकें. वह माता सीता का हरण करने के लिए कुटिया के पास पहुँच गया, परन्तु जैसे ही उसने कुटिया में प्रवेश करना चाहा, लक्ष्मणजी द्वारा खिंची गयी  रेखा के कारण वह भीतर प्रवेश नहीं कर पाया. फिर रावण ने भिक्षुक का रूप धारण किया और  माता सीता को कुटिया से बाहर बुलाने के लिए आवाज लगाई “भिक्षां देहि ।
 
माता सीता ने जब इस प्रकार की आवाजें सुनी तो वे कुटिया से बाहर आयी और भिक्षुक रूपी रावण को भिक्षा देने लगी, परन्तु वे अब भी कुटिया के भीतर ही थी और रावण उनका अपहरण नहीं कर सकता था, तब रावण ने एक और स्वांग रचा. रावण, जो कि एक संन्यासी भिक्षुक के रूप में था, क्रोधित होने का नाटक करके कहने लगा कि “किसी संन्यासी को किसी बंधन में बंधकर भिक्षा नहीं दी जाती, आप इस कुटिया के बंधन से मुक्त होकर भिक्षा दे सकती हैं तो दे, अथवा मैं बिना भिक्षा लिए ही लौट जाऊंगा”. रावण के इस कपट से अनजान माता सीता ने अत्यंत ही विनम्र भाव से कहा कि हे देव, मुझे आदेश हैं कि मैं इस कुटिया से बाहर न जाऊं, अतः आप कृपा करके यही से भिक्षा ग्रहण करें. परन्तु इस बात पर रावण कहाँ राजी होने वाला था. अतः उसने और भी क्रोधित होकर माता सीता से बाहर आकर भिक्षा देने को कहा और ऐसा न करने पर खाली हाथ लौट जाने को तैयार हो गया।
 
तब माता सीता ने सोचा कि एक भिक्षुक संन्यासी का इस तरह खाली हाथ लौट कर जाना ठीक नहीं और एक क्षण की ही तो बात हैं, ऐसा सोचकर वे लक्ष्मण – रेखा से बाहर आकर भिक्षा देने को तैयार हो गयी. रावण मन ही मन बड़ा प्रसन्न हुआ और जैसे ही माता सीता लक्ष्मण – रेखा से बाहर आयी, रावण बड़ी ही शीघ्रता से पाने असली रूप में आया और उसने माता सीता का अपहरण कर लिया l
 
 

   

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