मंडी : पाकिस्तानी साजिश फिर नाकाम, नाइट विजन उपकरण समेत हथियारों का जखीरा मिला
- Editor DSS
- Sep 08, 2023
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मंडी तहसील के सावजियां सेक्टर में मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने नाइट विजन उपकरण और एक एके 47 राइफल समेत हथियारों का जखीरा बरामद किया है। हथियारों के अलावा पाकिस्तान निर्मित खाद्य पदार्थ, दवाइयां और अन्य सामान भी मिला है। हालांकि मारे गए दूसरे आतंकी का शव नहीं मिला है। सुरक्षाबल इलाके में सघन तलाशी अभियान चला रहे हैं।
हाइब्रिड आतंकी हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार : श्रीनगर। पुलिस ने वीरवार को श्रीनगर में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के एक हाइब्रिड आतंकवादी को हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान बटमालू के फिरदौसाबाद इलाके के मोहम्मद यावर रंगरेज के रूप में की है।
आतंकियों को किसी तरह का आश्रय न दें बाकी काम सुरक्षा बलों पर छोड़ दें : एलजी
आतंकवादी समर्थकों और आतंकवादियों को किसी भी प्रकार का आश्रय नहीं दें। बाकी काम पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों पर छोड़ दें। प्रशासन जम्मू-कश्मीर में आतंकी इको सिस्टम की रीढ़ तोड़ने और मुनाफाखोरों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। यह बातें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को बारामुला जिले में सोपोर के डाक बंगला में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सोपोर के निवासियों को दशकों तक गुमराह किया और इसे कंधार का नाम दिया, उन्होंने यहां की भावी पीढि़यों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया। उन्होंने सिर्फ अपना खजाना भरा, आम आदमी को पीड़ित छोड़ दिया। उपराज्यपाल ने सवाल उठाते हुए कहा, सोपोर को कंधार का खिताब किसने दिया, जो 1970 तक प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र था? यहां पत्थरबाजी को बढ़ावा किसने दिया? इसके लिए जिम्मेदार लोगों ने सोपोर के लोगों और आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय किया। उन्होंने कहा कि अब यह यूटी के बिजनेस हब के रूप में उभरेगा।
सोपोर दशकों से झेल रहा नुकसान
सिन्हा ने कहा, एशिया की सबसे बड़ी फल मंडी होने के बावजूद सोपोर को दशकों तक नुकसान झेलना पड़ा। महान कवि महजूर ने एक बार कहा था कि अगर मुसलमान दूध हैं, तो हिंदू चीनी हैं। सोपोर सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता था। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह जल्द ही इस स्थान पर वापस लौटे। उन्होंने कहा कि नगर पालिका समिति सोपोर शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए बेहतर काम कर रही है। लेकिन जब तक हर आम आदमी नहीं जागता और भूमिका नहीं निभाता, तब तक सड़कों पर विदेश निर्मित संगमरमर का उपयोग करने का कोई मजा नहीं है।