उज्जैनः भारत उत्कर्ष, नव-जागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव का आयोजन एक मार्च से 9 अप्रैल तक

उज्जैन, 16 फरवरी (हि.स.)। उज्जैन में एक मार्च से 9 अप्रैल तक सम्राट विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नव-जागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव का आयोजन भव्य स्तर पर किया जाएगा। एक माह से अधिक समय तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विक्रमादित्य शोधपीठ के संचालक डॉ. श्रीराम तिवारी ने शुक्रवार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों के समक्ष पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विक्रमोत्सव के आयोजन के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। इस असवर पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भी आयोजन के सम्बन्ध में मीडिया से बातचीत की।

बताया गया कि आगामी एक मार्च को विक्रमोत्सव के शुभारम्भ से पहले कलश यात्रा शासकीय कन्या महाविद्यालय से शोधपीठ परिसर तक निकाली जाएगी। इसी दिन वैदिक घड़ी का लोकार्पण वराह मिहिर वेधशाला जन्तर मन्तर में एवं विक्रम पंचांग, आर्ष भारत पर आधारित पुस्तकों का लोकार्पण भी कालिदास अकादमी में किया जाएगा। भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता के संग्रहालय वीर भारत न्यास का शिलान्यास भी किया जाएगा। विक्रमादित्य के न्याय पर संगोष्ठी का आयोजन शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कालिदास अकादमी में किया जाएगा। एक मार्च को शाम 7 बजे भोपाल के कलाकार कन्हैया मित्तल द्वारा भजनामृत प्रस्तुति दी जाएगी। विक्रमोत्सव में सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें सुप्रसिद्ध कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा। 6 मार्च को बिड़ला भवन में आर्ष भारत, पुनर्नवा उज्जयिनी एवं विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जायेगी। चौरासी महादेव प्रदर्शनी एवं रामायण पर केन्द्रित नृत्य नाटिका की भी प्रस्तुति की जाएगी। महाकाल मन्दिर प्रबंध समिति के सहयोग से मन्दिरों में प्रभु श्रृंगार प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा।

7 मार्च को महादेव शिल्पकला कार्यशाला का आयोजन उज्जैन हाट परिसर में किया जाएगा। इसके पश्चात रात्रि 8 बजे पॉलीटेक्निक महाविद्यालय ग्राउण्ड पर प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं नृत्यांगना हेमा मालिनी एवं उनके दल द्वारा भगवान शिव और देवी दुर्गा पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जायेगी। 8 मार्च को लोकप्रिय पार्श्व गायक अमित त्रिवेदी एवं दल द्वारा नमामि महादेव शंखनाद कार्यक्रम के तहत स्थानीय सांगीतिक प्रस्तुति और लेजर शो का आयोजन पॉलीटेक्निक ग्राउण्ड पर किया जाएगा।

इसी तरह 10 मार्च को लोकरंजन बोलियों का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, 11 मार्च को कालिदास अकादमी परिसर में श्रीकृष्ण लीला नृत्य पर आधारित लोककला का प्रदर्शन, कालिदास अकादमी में श्रीकृष्ण पर आधारित प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति गायन की प्रस्तुति, इसी दिन उड़ीसा राज्य का प्रसिद्ध गोटीपुआ नृत्य की प्रस्तुति होगी। आसाम का सत्रिया रास एवं उज्जैन के कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाट्य की प्रस्तुति दी जाएगी।

12 मार्च को कुचिपुड़ी नृत्य, झारखण्ड का छाऊ नृत्य, उत्तर प्रदेश का होली मयूर एवं चरखुला नृत्य की प्रस्तुति, 13 मार्च को श्रीकृष्ण पर आधारित भक्ति गायन, महारास, यक्षगान, मयूरभंज का छाऊ नृत्य, कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी। 14 मार्च को बांसुरी वादन, अहिराई लाठी नृत्य एवं श्री जगन्नाथ प्राकट्य लीला की प्रस्तुति, 15 मार्च को श्री टीकम जोशी द्वारा श्रीकृष्ण पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जायेगी। 16 मार्च को पिया सांवरे, 17 मार्च को कृष्णायन, 15 से 17 मार्च तक कालिदास अकादमी संकुल में अन्तरराष्ट्रीय इतिहास समागम, 18 से 19 मार्च तक विक्रम कीर्ति मन्दिर एवं डोंगला में राष्ट्रीय विज्ञान समागम, 19 से 22 मार्च तक त्रिवेणी संग्रहालय में भक्ति संगीत के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

दो से 8 अप्रैल तक विक्रम नाट्य समारोह के अन्तर्गत कर्ण, अंधायुग, अवंतिशौर्य, हमारे राम, अवंति शौर्य, कृष्णायन, रानी अवंतिकाबाई और श्रीकृष्ण पर आधारित नाट्य का प्रदर्शन रात्रि 8 बजे से कालिदास अकादमी परिसर में होगा। चार अप्रैल को आयोजित होने वाले नाट्य हमारे राम में प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा अभिनय करेंगे। 7 से 8 अप्रैल तक वेद अंताक्षरी का आयोजन गुमानदेव हनुमान मन्दिर पर किया जायेगा। 7 अप्रैल को विक्रम कीर्ति मन्दिर में वराहमिहिर सम्मान और ज्योतिष संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा।

8 अप्रैल को कवि सम्मेलन का आयोजन घंटाघर चौराहा पर रात्रि 9 बजे से किया जायेगा, 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर सूर्योपासना एवं महाकाल शिवज्योति अर्पणम कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें रामघाट पर इस वर्ष 25 लाख दीपक जलाये जाएंगे। इसी दिन उज्जयिनी गौरव दिवस का भी आयोजन किया जायेगा। इस दौरान प्रसिद्ध गायक जुबीन नोटियाल एवं उनके दल द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। इसी दिन विक्रमोत्सव का समापन भी होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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