
बसंत का आगमन
ऋतुराज बसंत का आगमन
हिम की चादर का पिघलना
पौधों का हरा-भरा हो जाना
अत्यंत सुंदर सुखद वातावरण
खेतों में लहराती पीली सरसों
खान-पान स्वादिष्ट पीले चावल
सुसज्जित हुए पहन पीले परिधान
नई उमंग नई तरंग नई स्फूर्ति युक्त
निर्मल हो नीला आसमान
पक्षियों के मनोरम विचरण
नीली पीली पतंग का उड़ाना
दे जाता अद्भुत विशेष उल्लास
बिखेरी छटा चतुर॔गिनी सेना ने
डेलिया जेनिया साल्विया गेंदा ने
मोहा लाल पीले सफेद गुलाब ने
दीअनूठी उमंग प्राकृतिक माया ने
करें वंदना परमपिता परमेश्वर की
करें स्तुति श्वेतांबरा मां भारती की
तुम हमें उत्पन्न कर पालन कर रहे
हमारी बुद्धि श्रेष्ठ मार्ग पर ही चले
डा० सीमा कंवर
अध्यक्षा संस्कृत विभाग
मेहर च॓द महाजन डीएवी कालेज फार वूमेन चण्डीगढ़।