Jammu - Kashmir Election आतंकी अफजल गुरु के भाई , इंजीनियर राशिद , केंद्रीय मंत्री डॉ जतिंद्र सिंह के भाई दविंदर सिंह आजमा रहे अपनी किस्मत
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- Oct 01, 2024
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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में सज्जाद लोन, रमन भल्ला से लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद की किस्मत दांव पर है. संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद के भाई तक, कई बड़े चेहरे मैदान में हैं. एजाज गुरुः जम्मू कश्मीर की सोपोर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार एजाज गुरु संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के भाई हैं. एजाज पूर्ण राज्य का दर्जा मुद्दा बनाए हुए हैं. उन्होंने अफजल गुरु की कब्र पर फातिहा पढ़ने के साथ ही बालासाहब ठाकरे और सरबजीत सिंह की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए भी इजाजत मांगी है. एजाज गुरु ने कहा है कि पहले देश है, फिर राज्य यानि जम्मू कश्मीर की बात आती है. खुर्शीद अहमद शेखः बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख लंगेट विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. लंगेट सीट के लिए अंतिम चरण में वोट डाले जा रहे हैं. शेख का मुकाबला पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता और कुपवाड़ा के मौजूदा डीडीसी अध्यक्ष इरफान पंडितपोरी से है मुजफ्फर हुसैन बेग: जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग उत्तरी कश्मीर की बारामुला सीट से चुनाव मैदान में हैं. मुजफ्फर बेग के सामने अपने ही भतीजे जावेद बेग की चुनौती है. पीडीपी के संस्थापकों में से एक मुजफ्फर बेग करीब पांच दशक से एक्टिव पॉलिटिक्स में हैं और इस बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. बेग ने पहाड़ी समुदाय को आरक्षण के दायरे में लाए जाने के बाद पीएम मोदी की तारीफ की ,पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन उत्तरी कश्मीर की कुपवाड़ा और हंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. सज्जाद की सीट पर भी तीसरे चरण में ही वोटिंग हो रही है. सज्जाद लोन 2014 के चुनाव में हंदवाड़ा से जीते थे और मुफ्ती सरकार में बीजेपी के कोटे से मंत्री भी रहे. लोन का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद रमजान, पीडीपी के गौहर आजाद मीर, बीजेपी के गुलाम मोहम्मद मीर और आवामी इत्तेहाद पार्टी के अब्दुल मजीद से है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई देवेंद्र सिंह राणा जम्मू जिले की नगरोटा सीट से चुनाव मैदान में हैं. देवेंद्र बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस का दिग्गज चेहरा रहे देवेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के करीबियों में गिने जाते थे. 2021 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. व्यावसायी से राजनेता बने देवेंद्र 2008 और2014 में नगरोटा सीट से चुनाव जीत विधानसभा पहुंचे थे