बचपन बचाओ आंदोलन ने बर्बरता की शिकार नाबालिग घरेलू सहायिका को मुक्त कराया

नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से जाना जाता है, ने होली के दिन बर्बरता की शिकार एक नाबालिग घरेलू सहायिका को मुक्त कराया। बच्ची की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। मामला दर्ज करने के बाद पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की रहने वाली इस बच्ची को चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया।

बचपन बचाओ आंदोलन के अनुसार उन्हें सोमवार को किसी ने फोन कर सूचित किया कि गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में एक घरेलू सहायिका के साथ बर्बरता की गई है और उसकी स्थिति गंभीर है। सूचना के बाद बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और बच्ची को मुक्त कराया। कार्यकर्ताओं ने पाया कि बच्ची के दोनों हाथ सूजे हुए थे और उसके कान एवं चेहरे सहित शरीर का हर हिस्सा जख्मी था। उसकी पीठ पर बेलन से मारा गया था जिसकी वजह से वो बोल नहीं पा रही थी। गर्दन पर जले एवं कटे के निशान भी थे। दाएं पैर पर खौलता हुआ पानी डाला गया था जिसकी वजह बच्ची के पैर जल गए थे। बाएं पैर में जख्म था जो पिटाई की वजह से फट गया था और एक जगह टांग में हड्डियों से खून रिस रहा था।

बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता उसे लेकर इंदिरापुरम थाने पहुंचे और उसकी नियोक्ता रीना शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बच्ची पिछले एक साल से यहां काम कर रही थी। बच्ची ने बताया कि होली की रात रीना शर्मा ने उन्हें बेरहमी से पीटा और मदद के लिए पुकार लगाने पर वह उसके सीने पर बैठ गई।

हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी/प्रभात

   

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