बुज़ुर्गों पर केंद्रित पत्रिका ''प्रणम्य प्रणति'' की शुरुआत

कोलकाता, 06 अप्रैल (हि.स.)। हाशिये पर आ गये आम बेबस-बेकस वरिष्ठ नागरिकों के हक की हिमायत में देश में पहली बार अपने ढंग की विविध विषयक त्रिभाषिक (हिंदी, बांग्ला, अंग्रेज़ी) संपूर्ण रंगीन त्रैमासिक पत्रिका ''प्रणम्य प्रणति'' बाजार में आ गयी है। वरिष्ठ पत्रकार नारायण राव के संपादन में कोलकाता से प्रकाशित इस पत्रिका की प्रकाशक मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज़्म में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर झारखंड की अनुषा कुमारी का लक्ष्य वरिष्ठ नागरिकों को लाचारी और अकेलेपन से निकालते हुए उनकी आवाज बन जाने का है। केवल देश ही नहीं, दुनियाभर में समाज की रीढ़ बुज़ुर्गों की औसत आयु बढ़ जाने, उपेक्षित होकर वृद्धाश्रमों के हवाले कर दिये जाने के साथ ही साठोत्तरी लोगों की आबादी में होती जा रही वृद्धि के मद्देनज़र प्रतिबद्ध ''प्रणम्य प्रणति'' का सामने आना अत्यंत प्रासंगिक और समयोपयोगी है। इस सार्थक पहल की निरंतरता बनी रहने पर जल्दी ही इसके ''दरकिनार लोगों का मुखपत्र'' बनने की उम्मीद बंधती है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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