असहायों और वंचितों की जिम्मेदारी समाज कीः दीपिका चिखलिया

काठमांडू, 6 अप्रैल (हि.स.)। रामानंद सागर निर्मित धारावाहिक रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली एवं पूर्व सांसद दीपिका चिखलिया ने समाज के असहाय और वंचितों के जीवन यापन की जिम्मेदारी इसी समाज की होने के कारण सभी से सहयोग करने का आह्वान किया है।

यहां जनजाति कल्याण आश्रम के 14वें वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए दीपिका ने कहा कि रामायण का सार भी यही है। समाज के सभी शोषित पीड़ित और वंचित लोगों का जीवन स्तर सुधारने की जिम्मेदारी इसी समाज की होने की बात कहते हुए उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की। नेपाल में जनजाति कल्याण आश्रम के तहत वनवासी और दुर्गम क्षेत्र के बच्चों के लिए चलाए जा रहे आमा को माया छात्रावास में रह रहे बच्चों के लिए हरसंभव सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति कल्याण आश्रम द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में समाज की सहभागिता अनिवार्य है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दीपिका चिखलिया ने रामायण के कई प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान् श्रीराम का जीवन समाज के निचले वर्ग के लोगों को गले लगाना और उनका उद्धार करने की बात हमने धारावाहिकों में देखा है। उन्होंने कहा कि चाहे निषाद समुदाय के केवट से लेकर वन में रहने वाली शबरी तक को सम्मान देने की बात हो या सुग्रीव का उद्धार करने और अधिकार देने की बात हो, इनसे हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। दीपिका ने कहा कि जिस पवित्र भाव से जनजाति कल्याण आश्रम समाज के पिछले शोषित और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए कार्य कर रहा है, उसमें अधिक से अधिक योगदान देने की प्रेरणा रामायण से मिलती है। आमा को माया छात्रावास के बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार देकर देश के लिए अच्छे और संस्कारी पीढ़ी को तैयार किया जाना सराहनीय है।

आज के कार्यक्रम में जनजाति कल्याण आश्रम के संगठन मंत्री मिलन भट्ट ने करीब 400 बच्चों के सालाना खर्च का सहयोग जुटने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समय पूरे नेपाल में 11 छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इसमें करीब 1000 से अधिक छात्र छात्राओं के रहने खाने और उनकी दसवीं तक की पढ़ाई की आश्रम की ओर से निःशुल्क व्यवस्था की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज दास/दधिबल

   

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