जेल में चल रही देवी भागवत में कन्या पूजन को विस्तार से बताया

हरिद्वार, 11 अप्रैल (हि.स.)। हिन्दू नववर्ष चैत्र नवरात्रि क अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद हरिद्वार में कैदियों को श्रीमद् देवी भागवत कथा का रसपान कराया। कथा के तीसरे दिन कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि यदि नवरात्रि में मां भगवती का नित्य नौ दिन तक पूजन किया जाता है। अष्टमी और नवमी के दिन मां भगवती के निमित्त हवन यज्ञ कर कन्या पूजन किया जाता है और मां प्रसन्न होकर के समस्त मनोकामनाएं पूर्ण कर देती है।

उन्होंने बताया कि कन्या पूजन में दो वर्ष से लेकर के दस वर्ष तक की कन्या का पूजन करना चाहिए। एक वर्ष की कन्या खाने योग्य सुगंधित पदार्थों का अनुभव करने में असमर्थ होती है तथा दस वर्ष से ऊपर की कन्या रजस्वला हो जाती है, इनका पूजन शास्त्रों में निषिद्ध बताया गया है।

शास्त्री ने बताया जो दो वर्ष की अवस्था की कन्या को कुमारी कन्या कहते हैं, इनका पूजन करने से दुख तथा दरिद्रता दूर होती है, तीन वर्ष की कन्या ‘त्रिमूर्ति’ कहलाती है। इसका पूजन करने से धर्म अर्थ काम तीनों पुरुषों की सिद्धि होती है। चार वर्ष से कन्या ‘कल्याणी’ कही जाती है, जो इनका पूजन करता है उसे सर्वत्र विजय सुख प्राप्त होता है। पांच वर्ष की कन्या ‘रोहणी’ कहलाती है।

शरीर में होने वाले रोगों का नाश इनका पूजन करने से होता है। छह वर्ष की कन्या ‘कालिका’ कहलाती है, इसका पूजन करने से सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं। सात वर्ष की कन्या ‘चंडिका’ कहलाती है, इनका पूजन करने से ऐश्वर्य विस्तार होता है। आठ वर्ष की कन्या ‘शांभवी’ कहलाती है, इनका पूजन करने से किसी के द्वारा किया गया तंत्र-मंत्र सम्मोहन समाप्त हो जाता है। नौ वर्ष की कन्या ‘दुर्गा’ कहलाती इसका पूजन करने से सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं और परलोक में जाकर के सुख की प्राप्ति होती है।

दस वर्ष की कन्या ‘सुभद्रा’ कहलाती है, इसका पूजन करने से सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। इसके ऊपर की अवस्था की कन्या पूजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह रजस्वला हो जाती है और सभी कार्यों में निषिद्ध मानी जाती है। जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने भी कैदियों को संबोधित करते हुए बताया मां भगवती की आराधना करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

इस अवसर पर हिंदू रक्षा सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी परबोधानंद गिरि महाराज, स्वामी परमानंद महाराज, समाजसेवी आशीष मेहता, पंचपुरी हलवाई समाज अध्यक्ष सोमपाल कश्यप, संजू अग्रवाल, भोलू कुमार, राकेश उपाध्याय, कमलेश उपाध्याय, अश्मित कौशिक, हर्ष पंडित, आशीष, सोनू, शशिकांत आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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