तेजस्वी यादव चुनावी भाषणों में अपने माता-पिता के 15 सालों की चर्चा करने से क्यों परहेज करते हैं: उमेश कुशवाहा

पटना, 12 अप्रैल (हि.स.)। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि चुनाव के दौरान कोई भी राजनीतिक दल अपनी उपलब्धियों को जनता के बीच प्रमुखता से रखता है और अपने किए गए कामों के आधार पर जनता से वोट मांगता है लेकिन राजद शायद देश-दुनिया की एकलौती ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो चुनाव में अपने 15 सालों के कार्यकाल की चर्चा करना मुनासिब नहीं समझती है।

उमेश सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को बयान जारी कर तेजस्वी यादव से पूछा कि आखिर क्या वजह है कि तेजस्वी प्रसाद यादव चुनावी भाषणों में अपने माता-पिता के शासनकाल की चर्चा करने से परहेज करते हैं। तेजस्वी यादव लगातार विभिन्न क्षेत्रों में जनसभा को संबोधित कर रहें हैं लेकिन उनके मुख से राजद के 15 सालों की उपलब्धियों को जानने के लिए आम जनता के कान तरस गए हैं। यह एक प्रकार से राजद की आत्म-स्वीकृति है कि लालू-राबड़ी का शासनकाल पूरे तौर पर असफल रहा है।

कुशवाहा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजद के जंगलराज में सरकार संरक्षित अपराधियों द्वारा रंगदारी और लूट की घटनाओं के कारण बिहार में कई कल-कारखाने बंद हुए। नतीजतन प्रदेश के लोगों को जीवनयापन के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। तेजस्वी यादव रोजगार पर लच्छेदार भाषण देते हैं लेकिन बिहार की जनता को यह नहीं बताते हैं कि कल-कारखानों को बंद करवाकर युवाओं का रोजगार छीनने में सबसे बड़ी भूमिका उनके माता-पिता की रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व के कारण आज बिहार की कानून-व्यवस्था सुदृढ़ होने से देश-दुनिया के निवेशक बिहार आ रहें हैं और नए-नए उद्योग लग रहे हैं। राजद के समय में बीमारू राज्य वाला बिहार आज देश में सबसे अधिक विकास दर से आगे बढ़ने वाला राज्य बना है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंदा/वीरेन्द्र

   

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