अनंतनाग लोकसभा सीट पर ट्विस्ट : भाजपा देगी किसका साथ?

 आजाद के चुनाव मैदान से हटने के बाद मुख्य मुकाबले में आमने-सामने 'इंडिया' के दो घटक दल

जम्मू। स्टेट समाचार

जम्मू कश्मीर में चुनावी माहौल हर गुजरते दिन के साथ गर्म हो रहा है। घाटी में अनंतनाग सीट पर नामांकन भरने के साथ ही पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस नेता मिया अल्ताफ के बीच सीधे मुकाबले की राह साफ हो गई। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अनंतनाग का चुनावी मैदान छोड़ चुके हैं। सूत्रों की मानें तो गुलाम नबी आजाद के इस फैसले के पीछे बीजेपी का वह निर्णय है जो पार्टी ने कश्मीर की तीन सीटों को लेकर लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू में जन सभा में एलान किया कि पार्टी अभी कश्मीर में कमल खिलाने की जल्दी में नहीं है और बीजेपी के उम्मीदवार खड़ा न करने के फैसले के साथ पीडीपी और एनएसी दोनों ने गुलाम नबी आजाद पर बीजेपी की बी टीम होने से जुड़े कटाक्ष तेज कर दिए हैं।  नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने तो  कह दिया कि वह गुलाम नबी आजाद को किसी गिनती में ही नहीं रखते। फैसला लेने से पहले गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस विरोध और बीजेपी प्रेम साफ तौर पर दिखा। जहां गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस और एनएसी पर सांप्रदायिक पार्टी होने का आरोप लगाया और तुष्टिकरण के सूत्रधार होने का आरोप भी मढ़ा।  जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और झारखंड के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने गुलाम नबी आजाद के बीजेपी प्रेम को लोगों के बीच और वोट के जरिये साबित करने का चैलेंज दे डाला। इस सब से अलग महबूबा मुफ्ती बीजेपी के विरोध के नाम पर नेशनल कांफ्रेंस पर वादा तोडऩे का इल्ज़ाम लगा रही हैं। नामांकन के समय भी महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग में शक्ति का प्रदर्शन किया। वह साल 2011 के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर के साथ उनके अनुसार किए जा रहे जुल्म से रिहाई के नाम पर वोट मांग रही हैं। अनंतनाग, कुलगाम और पुंछ-राजौरी के इस चुनाव क्षेत्र में अगर किसी को पीर पंजाल के दोनों तरफ पहाड़ी और गुर्जर वोट हासिल हो सकते हैं तो वह नेका के गुर्जर नेता मियां अल्ताफ हैं। इस बीच, पिछले दरवाजे से पार्टी बीजेपी के समर्थन के भरोसे जीत का दावा कर रही है।  पार्टी उम्मीदवार जफर मनहास के अनुसार नेकां-पीडीपी हर उस पार्टी पर ऐसे हमले करती है, जो उनके खिलाफ खड़े होते है। अब बीजेपी उनके निशाने पर है। अनंतनाग में अब मुकाबला विपक्षी गठजोड़ इंडिया के दो घटक दलों के बीच होगा। ऐसे में सारी नजरें बीजेपी पर है कि पार्टी किसके समर्थन में आएगी।  

   

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