लोकसभा चुनाव : अमित शाह ने पहले की थी भविष्यवाणी, सूरत सीट का असली सूत्रधार शाह या पाटिल?

सूरत, 22 अप्रैल (हि.स.)। देश भर में सूरत लोकसभा सीट की चर्चा शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव में मतदान से पहले ही भाजपा को एक सीट का तोहफा मिल गया है। सूरत सीट से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए हैं। इनके खिलाफ खड़े कांग्रेस व उनके डमी को छोड़कर सभी उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए। इसके बाद सूरत कलक्टर ने मुकेश दलाल को निर्विरोध घोषित करते हुए भाजपा की झोली में पहली सीट डाल दी है।

भाजपा गुजरात प्रदेश के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सूरत ने पहला कमल अर्पण किया है। हालांकि सूरत सीट के निर्विरोध जीतने की भविष्यवाणी सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने की थी। 18 अप्रेल को अहमदाबाद की रैली में उन्होंने सूरत में निर्विरोध जीत का संकेत दिया था। राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शाह ने सूरत सीट का पहले से ही भविष्य लिख दिया था। हालांकि तब उनके संकेत को समझना हर के बूते की बात नहीं थी। देश में सबसे बड़ी लीड के साथ इस सीट को भाजपा जीतेगी इस संबंध में पूदे गए सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछली बार से हमारी लीड बढ़ेगी। 25 की 25 सीट पर भाजपा का मतदान प्रतिशत बढ़ेगा और लीड में बढोतरी कर प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करेंगे। हम 400 सीट के पार जाएंगे। यहां गौर करने की बात है कि गुजरात में लोकसभा की 26 सीट है, लेकिन अमित शाह ने 25 सीट की ही बात की। रैली में विपक्ष पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा था कि उन्हें कौन रोकेगा, राम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में विपक्ष को निमंत्रण प्राप्त हुआ था। जिन्हें भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में आने की फुर्सत नहीं हो, वे राम भक्तों के वोटों की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं। गुजरात में इस बार 25 की 25 सीटों पर हम जीतेंगे। अधिक बहुमत के साथ 25 सीट नरेन्द्र मोदी की झोली में डालने का आशीर्वाद गुजरात की जनता दें, ऐसी हम विनती करते हैं।

पर्दे के पीछे किसकी रही अहम भूमिका

कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुंभाणी और उनके डमी उम्मीदवार के नामांकन पत्र खारिज होने के बाद 8 उम्मीदवार मैदान में डटे थे। इन सभी उम्मीदवारों को चुनाव में अपनी स्थित का पहले से पता था। इसलिए इन्होंने चुनाव में खड़े रहने से हट जाना ही अच्छा समझा। हालांकि यह चर्चा भी जोरों पर है कि इन सभी उम्मीदवारों के टच में कई सामाजिक अग्रणी थे, जिन्होंने उन्हें बेवजह चुनाव लड़ने के बजाय भाजपा के समर्थन में बैठ जाने की सलाह दी।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद

   

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