Mehbooba Mufti गैरकानूनी गतिविधियों के तहत PSA लगने से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को फिर होने लगी चिंता

 Mehbooba Mufti पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को चिनाब घाटी के किश्तवाड़ जिले में पांच लोगों पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967, (यूएपीए) लगाने पर चिंता व्यक्त की। पीडीपी अध्यक्ष के अनुसार, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) द्वारा जम्मू-कश्मीर के जल संसाधनों के दोहन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इन पांच व्यक्तियों पर कठोर कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया था।


उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को नवनिर्वाचित सरकार से बहुत उम्मीदें हैं और उन्होंने उनसे इस मामले पर तुरंत गौर करने का आग्रह किया ताकि इन कानूनों का मनमाने ढंग से इस्तेमाल न किया जा सके। महबूबा मुफ्ती ने कहा: “पिछले 5 वर्षों से जम्मू-कश्मीर में लोगों पर मामूली आरोपों पर पीएसए और यूएपीए जैसे कठोर कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है। एनएचपीसी द्वारा अपना खजाना भरने के लिए हमारे जल संसाधनों के दोहन के खिलाफ आवाज उठाने पर पांच लोगों पर पीएसए लगाने का यह ताजा मामला चौंकाने वाला है क्योंकि लोगों को नवनिर्वाचित सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। आशा है कि वे इस पर तुरंत गौर करेंगे और देखेंगे कि वास्तविक चिंताओं को उठाने के लिए हमारे नागरिकों के खिलाफ इन कठोर कानूनों का मनमाने ढंग से उपयोग नहीं किया जाता है।

 


आपको बता दें कि  जिला मजिस्ट्रेट किश्तवाड़ ने प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं में बाधा डालने के संदेह में 22 अन्य लोगों पर भी कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया है और पुलिस विभाग ने पीएसए वारंट प्राप्त होने पर तुरंत कार्रवाई की

   

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