प्राचीन और प्रामाणिक चिकित्सा पद्धति है आयुर्वेद : डॉ. तोमर
- Admin Admin
- Nov 18, 2024
गोरखपुर, 18 नवंबर (हि.स.)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के पंद्रह दिवसीय दीक्षारंभ समारोह के बारहवें दिन सोमवार को ‘एकीकृत स्वास्थ्य’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ. जीएस तोमर ने कहा कि किसी भी चिकित्सकीय पद्धति का उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य का रक्षण करना और रोगी को स्वस्थ करना होना चाहिए। आयुर्वेद और एलोपैथ दोनों समग्र स्वास्थ्य प्राप्ति की दिशा में मिलकर बहुत अच्छा कर सकते हैं।
डॉ. तोमर ने कहा कि ऐसा कोई वनस्पति नहीं है जिससे औषधि न बनाया जा सके। विश्व में वेद सर्वप्रथम ज्ञान विज्ञान के स्रोत हैं। अथर्ववेद का उपवेद आयुर्वेद है। यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति आज भी प्रामाणिक और प्रसिद्ध है। आयुर्वेद में प्रत्येक व्यक्ति के प्रकृति के अनुसार अलग-अलग चिकित्सा पद्धति है। इसी को तो वर्तमान में जीनोम थ्योरी कहते हैं। हजारों प्रकार के रसायनों के बारे में आयुर्वेद में बताया गया है जो स्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ रखता है।
डॉ. तोमर ने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी भाग्यशाली हैं कि आपको महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय से शिक्षित होकर चिकित्सा सेवा में जाने का अवसर प्राप्त होने वाला है। सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। चिकित्सा कभी निष्फल नहीं होती है। यह आपको यश,धन, अनुभव, आशीर्वाद सब प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि हमें सभी विधाओं का सम्मान करना चाहिए, हमें प्रतिद्वंद्वी नहीं परस्पर सहयोगी बनना चाहिए। हमारी संस्कृति पूरे विश्व को परिवार मानती है।
विशिष्ट वक्ता एमपी बिड़ला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के निदेशक और प्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ. संजय माहेश्वरी ने कहा कि आज भी मैं सर्जरी में आयुर्वेद विधा, क्षार सूत्र का प्रयोग करता हूं। रक्त चिकित्सा में आदिकाल से लीच अर्थात जोंक का प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है। आयुर्वेद और एलोपैथिक चिकित्सा विज्ञान दोनों का उद्देश्य स्वास्थ्य है। हमें एक होकर चिकित्सा के दिशा में बढ़ना होगा।
कार्यक्रम का संचालन श्रेया सिंह व आभार ज्ञापन आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने किया। इस अवसर पर डॉ. अरविंद कुशवाह, डॉ. राजेश बहल, डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. साध्वी नन्दन पाण्डेय, डॉ. देवी समेत कई शिक्षक, बीएएमएस और एमबीबीएस के सभी नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय