गुजरात में 73 नए मध्यस्थता केंद्रों के उद्घाटन के साथ कुल संख्या हुई 123
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- Oct 09, 2025

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति मसीह ने मध्यस्थता केंद्रों के विस्तार के इस दूरदर्शी कदम की सराहना की
अहमदाबाद, 09 अक्टूबर (हि.स.)। गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण(जीएसएलएसए) द्वारा आज राज्यभर के विभिन्न 73 तालुकों में नए मध्यस्थता केंद्रों (मेडिएशन सेंटर्स) का सफलतापूर्वक वर्चुअल उद्घाटन किया गया, जिससे राज्य में ऐसे केंद्रों की कुल संख्या बढ़कर 123 हो गई है। इस पहल से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को अब न्याय प्राप्त करने के लिए जिला केंद्र तक जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
अहमदाबाद सूचना विभाग ने बताया कि इन केंद्रों का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने किया। उन्होंने जीएसएलएसए के इस दूरदर्शी कदम की सराहना की और युवा वकीलों, पैरा लीगल्स तथा पैनल एडवोकेट्स से मध्यस्थता के बारे में जनजागरूकता फैलाने और इस कार्य से जुड़ने की अपील की। न्यायमूर्ति मसीह ने कहा कि मध्यस्थता विवाद समाधान की एक सुधारात्मक पद्धति है, जो समझदारीपूर्ण समझौते के माध्यम से संबंधों को बनाए रखती है।
इस अवसर पर गुजरात उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश और जीएसएलएसए की मुख्य संरक्षिका सुनीता अग्रवाल भी उपस्थित रहीं। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता केवल एक “विकल्प” नहीं है, बल्कि यह मूल्य-आधारित न्याय प्रणाली है, जो संवाद, सहानुभूति और समझौते पर आधारित है। उन्होंने सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों और तालुका सेवा समितियों के अधिकारियों से मध्यस्थता के लाभों के बारे में जनजागरूकता फैलाने और अधिक से अधिक मामलों को मध्यस्थता में रेफर करने की अपील की।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी जानकारी दी कि 133 अधिवक्ताओं को 40 घंटे की मध्यस्थता प्रशिक्षण के लिए चुना गया है, जो 27 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा। मध्यस्थता का लाभ केवल मामलों की लंबित संख्या घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संबंधों को पुनः स्थापित करने, समाज में शांति लाने और सहयोगात्मक न्याय की भावना को बढ़ाने में भी सहायक है।
कार्यक्रम में जीएसएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति अल्पेश वाई. कोगजे, गुजरात उच्च न्यायालय के अन्य न्यायमूर्तिगण, न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता एवं अन्य हितधारक वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad



