बीरभूम में एएसआई का खुला आरोप—डीएसपी को बताया ‘अपराधी’, शताब्दी रॉय की सुरक्षा चूक को लेकर घमासान तेज
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- Nov 29, 2025
बीरभूम, 29 नवंबर (हि. स.)। बीरभूम जिले में एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर द्वारा वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी रॉय की कार पर हुए हमले को लेकर एएसआई ने न सिर्फ डीएसपी पर लापरवाही का आरोप लगाया, बल्कि उन्हें “अपराधी” तक कह दिया।
सिउड़ी थाने के एएसआई राजकुमार दास ने शुक्रवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक ऑडियो क्लिप साझा की, जिसमें वे बर्खास्तगी या कार्रवाई की परवाह किए बिना बीरभूम जिला पुलिस के डीएसपी कुणाल मुखर्जी के खिलाफ अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। यह ऑडियो क्लिप अब वायरल हो चुकी है।
हिन्दुस्थान समाचार स्वतंत्र रूप से इस ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
ऑडियो में एएसआई कहते सुने गए, “डीएसपी एसपी के करीब रहने के लिए हमारा तबादला कर हमें बर्बाद कर रहे हैं। डीएसपी जैसा अपराधी कोई नहीं है। अगर सबूत चाहिए तो मैं सब दूंगा।”
एएसआई ने यह भी आरोप लगाया कि डीएसपी ने बीरभूम के एसपी अमितदीप को गुमराह किया है।
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल सांसद शताब्दी रॉय पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा उपलब्ध न करवाना डीएसपी कुणाल मुखर्जी की सीधी नाकामी है।
एएसआई के अनुसार, “जिस दिन शताब्दी रॉय के खिलाफ विरोध हुआ, उस दिन ड्यूटी पर डीएसपी थे। सारी गलती उन्हीं की है। किसी को सज़ा मिलनी चाहिए तो सिर्फ डीएसपी को।”
गौरतलब है कि एसआईआर सहायता शिविर में शताब्दी रॉय के दौरे के दौरान स्थानीय तृणमूल नेता बलराम बागड़ी की पिटाई हुई थी। इसी दौरान अफरा-तफरी में किसी का जूता आकर सांसद की कार से टकराया। एएसआई दास का दावा है कि यह घटना डीएसपी की मौजूदगी में हुई और यह सुरक्षा में गंभीर चूक थी।
एएसआई के इस तरह के सार्वजनिक आरोपों ने पुलिस प्रशासन को हैरान कर दिया है। अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक एएसआई को शो-कॉज़ नोटिस जारी किया जा सकता है।
इस विवाद पर भाजपा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना तृणमूल के भीतर की खींचतान को उजागर करती है।
भाजपा के बीरभूम सांगठनिक जिला उपाध्यक्ष दीपक दास ने कहा कि शताब्दी रॉय की कार पर जूते फेंके जाना किसी भी तरह उचित नहीं। यह तृणमूल के अंदरूनी संघर्ष का नतीजा है। राजकुमार दास जो कह रहे हैं, वह पूरी तरह गलत नहीं। पुलिस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। यह कहना मुश्किल है कि यह अपराध है या नहीं, लेकिन डीएसपी कुनाल मुखर्जी का प्रदर्शनकारियों को समर्थन देना साफ़ दिखता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय



