भाजपा का प्रस्ताव : ‘अयोग्य’ नहीं, योग्य शिक्षकों की नौकरी बचे तो सरकार का करेंगे समर्थन—शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता, 01 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को कहा कि यदि राज्य सरकार सदन में ऐसा प्रस्ताव लाती है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ‘योग्य’ या ‘निर्दोष’ शिक्षकों की नौकरी बचाने की बात हो, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उसे पूरा समर्थन देगी।

अधिकारी ने यह बयान विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में दिया। उन्होंने कहा कि करीब 26 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल महीने में रद्द कर दी थीं। अदालत ने 2016 की स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती प्रक्रिया को “भ्रष्ट और पूरी तरह दोषपूर्ण” करार दिया था।

उन्होंने बताया कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक शंकर घोष को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को पत्र लिखने की सलाह दी है, ताकि चार सितंबर को मौजूदा विशेष सत्र के अंतिम दिन इस मुद्दे पर 30 मिनट की चर्चा हो सके। अधिकारी ने कहा, “मैं स्वयं राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर अपील करूंगा कि सरकार सर्वसम्मत प्रस्ताव को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाए और ‘निर्दोष’ शिक्षकों को नौकरी पर बने रहने देने का अनुरोध करे।”

इस बीच, एसएससी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक हजार 806 ‘दोषी’ उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिनकी नियुक्तियां फर्जी तरीके से हुई थीं और जिन्हें दोबारा परीक्षा देने से भी वंचित कर दिया गया है। हालांकि आंदोलनरत शिक्षकों का एक वर्ग इस सूची को “अधूरी” बता रहा है। वहीं, कुछ ‘दोषी’ करार दिए गए उम्मीदवारों ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

अधिकारी ने कहा कि जब एसएससी ने ‘अयोग्य’ उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, तो राज्य सरकार को सदन में प्रस्ताव लाकर उन लगभग 15 हजार ‘योग्य’ शिक्षकों के नाम स्पष्ट करने चाहिए जिन्हें नौकरी में बरकरार रखा जा सकता है। इस असाधारण संकट का समाधान राजनीति से ऊपर उठकर होना चाहिए। भाजपा इस प्रस्ताव का बिना बहस समर्थन करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि यदि इसके बाद भी रिक्तियां बचती हैं, तो सरकार पारदर्शी प्रक्रिया के तहत नई परीक्षा कराकर उन्हें भर सकती है।

शुभेंदु अधिकारी ने आंदोलनरत शिक्षकों से भी मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान सरकार के साथ मिलकर खोजा जाएगा। उन्होंने शिक्षकों से कहा, “मुझे समझ है कि नौ साल पुरानी परीक्षा के लिए दोबारा तैयारी करना आपके लिए कठिन है, इसलिए हम इस मुद्दे का स्थायी समाधान चाहते हैं।”

आंदोलनरत शिक्षक चिन्मय मंडल ने कहा कि अगर यह प्रयास सफल हुआ तो यह हमारे साथ हुए अन्याय को सुधारने की मिसाल बनेगा।

इसी दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध रैली निकाली और इस्तीफे की मांग की। उनके हाथों में लिखे पोस्टर थे— “चाकरी तुमी कोरेछो चूरी, गदी छारो तारातारी” (तुमने नौकरी चुराई है, अब तुरंत कुर्सी छोड़ो)।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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