हमीरपुर, 22 नवम्बर (हि.स.)। शुक्रवार को अकारण गाली गलौज करने से मना करने से नाराज युवक द्वारा दलित एक्ट में फर्जी फंसाने व दरोगा द्वारा बेइज्जत करने से आहत होकर फंदे पर लटक जाने का मामला अचानक सुर्खियों में आ गया। मृतक के पुत्र के अनुसार उसने मुकदमा दर्ज करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा था। दो वर्ष बाद अब न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन दारोगा सहित फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने वाले के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुमेरपुर थाना क्षेत्र के बरुआ गांव निवासी शिवकुमार निषाद के अनुसार बताया कि 17 सितंबर 2022 को गांव निवासी कालीचरन वर्मा शराब के नशे में दरवाजे पर गालीगलौज कर रहा था। उसके पिता लक्ष्मी प्रसाद निषाद ने गाली देने से मना किया तो वह एससी/एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देकर चला गया और 19 सितंबर को थाने पहुंचकर फर्जी शिकायत कर दी। 19 सितंबर को थाने के तत्कालीन दरोगा ओमप्रकाश वर्मा तथा कालीचरन गांव आये और उसके पिता को पकड़कर दरोगा ने तीन-चार थप्पड़ मारते हुये कहा कि दलितों को परेशान करते हो।इसलिए तुम्हें जेल जाना पड़ेगा। इससे उसके पिता भयभीत हो गए और दरोगा के चंगुल से छूटकर यमुना नदी पार कर बबूल के पेड़ में फंदा लगा लिया था। तब उसने एक अक्टूबर 2022 को थाने जाकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की तहरीर दी लेकिन पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। इसके बाद उसने सात अक्टूबर 2022 को उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिला। तब उसने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने तत्कालीन दरोगा ओमप्रकाश वर्मा व कालीचरन वर्मा के खिलाफ धारा 206 के तहत मुकदमा दर्ज करके विवेचना शुरू की है। थाना प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा