कानपुर, 18 सितंबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के कल्याणपुर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के सोशल वर्क विभाग ने स्कूल ऑफ आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज़ एंड सोशल साइंसेज़ के तहत “स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा” के अंतर्गत गुरूवार को एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कानपुर नगर निगम के सहयोग से सम्पन्न हुई, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह जानकारी विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ विशाल शर्मा ने दी।
विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ विशाल शर्मा ने बताया कि नगर निगम की तरफ से उपस्थित सुप्रिया ने विद्यार्थियों को कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन की बारीक जानकारी देते हुए कहा कि हमें गीला और सूखा कचरा हमेशा अलग-अलग करना चाहिए। घर से निकलने वाले खतरनाक कचरे (हैजरडस वेस्ट) को भी पृथक डिब्बे में डालना आवश्यक है। सैनिटरी पैड और बच्चों के नैपकिन को सीधे फेंकना स्वास्थ्य और स्वच्छता दोनों के लिए हानिकारक है। इन्हें कागज में लपेटकर अलग डस्टबिन में डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप जिस कचरे को हाथ लगाने में भी हिचकिचाते हैं, उसी को उठाने का कार्य हमारे जैसे ही लोग करते हैं। यदि हम कचरे का सही पृथक्करण करें तो न केवल उनका कार्य आसान होगा बल्कि समाज भी स्वच्छ रहेगा।
छात्रों ने रखे सुझाव, स्वच्छ शहर के लिए दिखाई पहल
कार्यशाला के अंत में आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में विद्यार्थियों ने खुलकर अपने सुझाव रखे। एमए समाजशास्त्र की छात्रा वैष्णवी ने कहा कि पूरे शहर में जगह-जगह लगे प्लास्टिक फ्लेक्स बैनर वास्तव में हमारे पर्यावरण के लिए आतंक बन चुके हैं। इनकी जगह कपड़े से बने बैनरों का प्रयोग किया जाना चाहिए और नगर निगम तथा प्रशासन को चाहिए कि प्लास्टिक फ्लेक्स प्रिंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। छात्रा के इस सुझाव का सभी ने समर्थन किया और माना कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए यह एक ठोस कदम हो सकता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से डीन प्रो. संदीप कुमार सिंह, डायरेक्टर डॉ. किरण झा, सोशल वर्क कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. सत्येन्द्र सिंह चौहान, डॉ. अनीता अवस्थी तथा डॉ. उर्वशी सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे। वहीं कानपुर नगर निगम से अहमद कैफ़ और उत्कर्ष चौहान भी कार्यशाला में शामिल हुए।
विद्यार्थियों ने लिया संकल्प
कार्यशाला का समापन विद्यार्थियों के संकल्प के साथ हुआ। उन्होंने न केवल स्वयं कचरे का सही पृथक्करण करने का वचन लिया बल्कि समाज को भी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूक करने का प्रण किया।यह कार्यशाला छात्रों के लिए व्यावहारिक शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों का संगम रही, जिसने उन्हें यह संदेश दिया कि “स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद



