कोलकाता में वाम दलों का विरोध प्रदर्शन : भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ बुलंद

कोलकाता, 23 जुलाई (हि.स.)। भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के साथ हो रहे कथित उत्पीड़न के खिलाफ बुधवार को कोलकाता में वाम दलों ने जोरदार प्रदर्शन किया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में निकाले गए इस विरोध मार्च में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने भाजपा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोनों को निशाने पर लिया।

यह मार्च कोलकाता के मध्यवर्ती एस्प्लानेड इलाके में लेनिन की मूर्ति के नीचे से शुरू हुआ और मौलाली स्थित रामलीला पार्क पर जाकर समाप्त हुआ। मार्च में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मोहम्मद सलीम ने कहा कि भाजपा अपनी विभाजनकारी राजनीति के तहत देशभर में बंगाली भाषी लोगों को निशाना बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न भाजपा शासित राज्य सरकारें बंगालियों को पहले अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर अपमानित कर रही हैं और अब निर्वाचन आयोग की विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की आड़ में उन्हें संदिग्ध मतदाता घोषित करने की साजिश चल रही है।

सलीम ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव जल्द होने वाले हैं और पश्चिम बंगाल में भी अगले वर्ष चुनाव हैं। इसी के तहत देशभर में बंगालियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। यह अत्यंत निंदनीय और संविधान विरोधी है। देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में रहने, काम करने और बसने का अधिकार देता है। यह पूरी तरह आंतरिक प्रवासन है और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा दे।

उन्होंने कहा कि सबसे अधिक पीड़ित गरीब और प्रवासी मजदूर हैं, जिन्हें जीवनयापन के लिए राज्य दर राज्य जाना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए सलीम ने कहा कि वह इस गंभीर मसले को केवल चुनावी मुद्दा बनाने में लगी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी भी लोगों के बीच डर का माहौल बनाकर उनका ध्रुवीकरण करना चाहती हैं, जिससे चुनावी लाभ उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को विभाजित करने की यह कोशिश ममता बनर्जी और भाजपा दोनों को फायदा पहुंचाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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