राज्य स्थापना दिवस पर दून पुस्तकालय करेगा चार दिनी विविध आयाेजन

देहरादून, 30 अक्टूबर (हि.स.)। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर 1 से 4 नवंबर तक परिसर में विविध साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इनमें दो दिन तक चलने वाला पुस्तक मेला मुख्य आकर्षण का केन्द्र हाेगा। इसके अलावा बच्चों के लिए उत्तराखंड टैलेंट शो प्रतियोगिता, कठपुतली कार्यशाला, बौद्धिक चर्चा के कार्यक्रम, लोक संगीत और भाषा व साहित्य पर केन्द्रित कार्यक्रम हाेंगे।

गुरुवार काे दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. बीके जोशी, मानद निदेशक एन रवि शंकर और कार्यक्रम के मुख्य संयोजक एनएस नपलच्याल, संयोजक अनिल रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड व जय राज पूर्व मुख्य वन संरक्षक ने संयुक्त रूप से उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शनिवार, 1 नवंबर को पुस्तकालय परिसर में पुस्तक मेला का उद्घाटन उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन करेंगे। यह पुस्तक मेला 2 नवंबर तक प्रातः 11 सायं 5 बजे तक आमजनों के लिए निशुल्क खुला रहेगा। उन्हाेंने बताया कि इस पुस्तक मेले में प्रमुख रूप से हिमालय व उत्तराखण्ड पर आधारित पुस्तकें विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगी। इसमें आम जन को समाज, मानविकी, इतिहास, अर्थशास्त्र, पर्यावरण, भूगोल, संस्कृति, कथा, उपन्यास, संस्मरण, भाषा व साहित्यिक तथा अन्य विषयक पुस्तकें खरीदने का अवसर मिल सकेगा। देहरादून शहर, राज्य और दिल्ली के 18 प्रकाशकों की भागीदारी इस पुस्तक मेले में हाेगी। पुस्तक मेला के स्टॉलों में बाल साहित्य भी उपलब्ध रहेगा। प्रकाशकों व वितरकों की ओर से संस्थागत पुस्तकालयों व आम लोगों को पुस्तक खरीद में आकर्षक छूट भी दी जाएगी।

बताया कि कार्यक्रमों में बाल गतिविधियां के तहत दो मुख्य कार्यक्रम होंगे। इसमें रविवार, 2 नवंबर को उत्तराखंड टैलेंट शो प्रतियोगिता प्रातः 11 -1 बजे तक दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के एम्पीथिएटर में आयोजित होगी। इसमें 4 से 10 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चे उत्तराखंड की परम्परागत वेशभूषा, लोकगीत, लोकनृत्य और लोक कथाओं की एकल, युगल अथवा समूह रूप में प्रस्तुतियां करेंगे। इसमें 10 उत्कृष्ट प्रतिभागियों को पुरस्कार भी दिया जायेगा।

उन्हाेंने बताया कि 3 नवंबर को प्रसिद्ध पुतुल कलाकार रामलाल भट्ट की ओर से 5 से 18 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों के लिए कठपुतली निर्माण प्रदर्शन व कार्यशाला हाेगी। इसका समय अपराह्न 3-5 बजे तक रहेगा। लोक संस्कृति विषय पर सोमवार 3 नवंबर प्रातःकालीन सत्र में 11-1 बजे शास्त्रीय संगीत के निकष पर गढ़वाली लोक संगीत पर पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त डॉ. माधुरी बड़थ्वाल एक व्याख्यात्मक प्रस्तुति देगीं। वहीं सायंकालीन सत्र में सायं 3ः30 - 5ः30 बजे उत्तराखण्ड के समाज में प्रचलित लोकगीतों की विविधता और उसके स्वरुप पर सुपरिचित गायिका उप्रेती सिस्टर्स-ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती की ओर से संगीतमय व्याख्यान की प्रस्तुति दी जाएगी। इन दोनों कार्यक्रमों का संयुक्त संचालन राज्य की पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी करेंगे।

उन्हाेंने बताया कि 4 नवंबर को प्रातःकालीन सत्र में 11-1 बजे बौद्धिक विमर्श में विकास और पर्यावरण में संतुलन पर चर्चा होगी। इसमें प्रश्नोत्तरी, चर्चा और सवाल-जबाब के माध्यम से उत्तराखण्ड की प्रकृति, वन और वन्य जीवों के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण बातचीत की जायेगी। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के मुख्य सभागार में इस विषय पर प्रतिभागी वक्ताओं में हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल, विजय जड़धारी,सामाजिक कार्यकर्ता और बीज बचाओ आन्दोलन के प्रणेता और लेखिका साधना जयराज शामिल रहेंगी। चर्चा का संचालन जयराज पूर्व प्रमुख वन संरक्षक, जयराज करेंगे। इसमें वन्य प्रश्नोत्तरी में 10 स्कूलों से आये बच्चे प्रतिभाग करेंगे और प्रारम्भ में गंगा नदी के अवतरण पर डॉ. श्रीजा सिंह की ओर से एक नृत्य गीत की प्रस्तुति दी जायेगी।

मंगलवार, 4 नवम्बर को सायंकालीन सत्र में 3ः30-6 बजे तक हिन्दी व उत्तराखंड की स्थानीय भाषाओं पर केन्द्रित कवि सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित होगा। हिन्दी के अलावा गढ़वाली,कुमाउनी व जौनसारी के इस बहुभाषी कवि सम्मेलन में उत्तराखंड के विविध स्थानों से पधारे 15 कवियों की ओर से मौलिक कविताओं का पाठ किया जायेगा।

कविता पाठ सम्मेलन में डॉ. खेमकरन सोनकर (हिन्दी ), हर्ष काफर(हिन्दी),डॉ.नागेन्द्रगंगोला(हिन्दी),डॉ. नवनीत सिंह(हिन्दी), सुप्रिया सकलानी(हिन्दी), वृंदा शर्मा (हिन्दी),श्री विनोद पंत (कुमाउनी), राजेन्द्र ढैला(कुमाउनी),डॉ. प्रदीप उपाध्याय,(कुमाउनी),आशीष सुन्दिरयाल(गढ़वाली),प्रिया देवली(गढ़वाली), राकेश जिर्वाण ’हंस’ (गढ़वाली), नंदलाल भारती (जौनसारी) और अर्जुन दत्त (जौनसारी) प्रतिभाग करेंगे। इस बहुभाषी कवि सम्मेलन का संचालन डॉ. अनिल कार्की करेगें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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