डीटीओ दफ्तर में पहचान पत्र अनिवार्य, वाहन डीलर संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी दिखाना होगा कार्ड

गोपालगंज, 26 नवंबर (हि.स.)।जिला परिवहन कार्यालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और अनियमितता पर रोक लगाने के उद्देश्य से वाहन डीलर संस्थानों पर अब कड़ी निगरानी की व्यवस्था लागू कर दी गई है।

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा 11 फरवरी को जारी निर्देशों के अनुपालन में जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) शशि शेखरन ने यह आदेश प्रभावी कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत अब बिना पहचान पत्र किसी भी डीलर संस्थान का प्रतिनिधि डीटीओ कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकेगा। डीटीओ ने कहा कि यह कदम अनधिकृत व्यक्तियों की आवाजाही रोकने और वाहन निबंधन से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे लोग कार्यालय परिसर में सक्रिय पाए जाते थे, जिनका किसी भी डीलर संस्थान से कोई आधिकारिक संबंध नहीं होता था। ऐसे लोगों की मौजूदगी से न सिर्फ कार्य संस्कृति प्रभावित होती थी, बल्कि आम नागरिकों को भी दलालों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह सख्त व्यवस्था लागू की गई है।नए नियम के तहत सभी ट्रेड सर्टिफिकेट प्राप्त डीलर संस्थानों को अपने अधिकृत कर्मियों की सूची तैयार करनी होगी।

डीलर खुद अपने अधिकृत कर्मियों को पहचान पत्र जारी करेंगे और उनकी सूची परिवहन कार्यालय में उपलब्ध कराएंगे। डीटीओ कार्यालय द्वारा सत्यापन के बाद उन कर्मियों को डीटीओ कार्यालय में प्रवेश के लिए अलग से पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इस आईडी कार्ड को पहनना सभी के लिए अनिवार्य होगा। बिना आईडी कार्ड किसी भी व्यक्ति को कार्यालय परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा। जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पहचान पत्र की अधिकतम अवधि एक वर्ष तय की गई है। निर्धारित अवधि पूर्ण होते ही इसे नवीनीकरण कराना आवश्यक होगा।

डीटीओ शशि शेखरन ने कहा कि सभी डीलर संस्थानों को एक सप्ताह के भीतर इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। यदि कोई डीलर निर्धारित समय सीमा में अनुपालन नहीं करता, तो उसके कार्यों पर रोक भी लगाई जा सकती है। डीटीओ कार्यालय ने इस आदेश की प्रति सभी वाहन विक्रेता संस्थानों, पुलिस प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को भेज दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद दलालों की सक्रियता पर काफी हद तक रोक लगेगी और वाहन निबंधन से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी।

आम नागरिकों को अनावश्यक दलालों से छुटकारा मिलेगा और सेवा वितरण की प्रक्रिया भी सुचारू होगी। विदित हो कि परिवहन विभाग में लंबे समय से दलालों की सक्रियता एक बड़ी समस्या रही है। वाहन निबंधन, फिटनेस, लाइसेंस और टैक्स से जुड़े कार्यों में लोगों को दलालों द्वारा गुमराह किया जाता था। विभाग को लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए डीटीओ ने यह बड़ा और साहसिक कदम उठाया है।

उनका कहना है कि नियमों का पालन सख्ती से होगा और व्यवस्था को दुरुस्त करने में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। कार्यालय का माहौल बेहतर होगा और आम जनता को स्वच्छ, सुरक्षित एवं व्यवस्थित सेवाएं मिल सकेंगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra

   

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