भारत की सांस्कृतिक शक्ति विश्व में सबसे अग्रणी है: गजेंद्र सिंह शेखावत
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- Nov 23, 2024
-राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने अपना 14वां स्थापना दिवस मनाया
नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में एक अलग स्थान रखती है। तकनीकी, आर्थिक और रणनीतिक ताकतों के बीच भारत की सांस्कृतिक शक्ति न केवल विश्व में अपना अलग मकाम दर्शाती है बल्कि इसकी विरासत को सम्मान के साथ संरक्षित करने में भी मदद करती है। गजेन्द्र सिंह शेखावत ने विरासत संरक्षण के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जिससे नागरिकों के दैनिक जीवन में बेहद कम मुश्किलें आएं। शनिवार को वे भारत मंडपम में संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के 14वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि साल 2014 तक देश के देश की समृद्ध विरासत को कमजोर करने का व्यवस्थित प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान भारतीयों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि उनकी कला, संस्कृति, वास्तुकला, विज्ञान और ज्ञान पश्चिमी परंपराओं से कमतर हैं। लेकिन पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्र के विकास और हमारी विरासत के संरक्षण दोनों को प्राथमिकता दी गई है। इससे भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मान्यता और सम्मान मिला है।
शेखावत ने माना कि एनएमए ने अपने चौदह वर्षों के संचालन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि प्राधिकरण इन सफलताओं को और आगे बढ़ाता रहेगा, जो भारत की विरासत प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करेगा। एनएमए के प्रयासों ने एक मजबूत आधार तैयार किया है तथा निरंतर प्रगति करते हुए यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समारोह के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री के साथ राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रोफेसर किशोर के. बासा, अन्य एनएमए सदस्य, संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने एनएमए की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 भी जारी की, जो वर्ष के लिए प्राधिकरण की अनिवार्य गतिविधियों का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। यह एनएमए द्वारा इस तरह का पहला प्रकाशन था। रिपोर्ट में बताया गया है कि एनएमए ने संसद में 98 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को शामिल करते हुए 55 विरासत उपनियम (एचबीएल) रखे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी