गुरुग्राम:अदालत में झूठा साबित हुआ बिजली चाेरी का केस

गुरुग्राम, 20 नवंबर (हि.स.)। बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज गौरांग शर्मा की अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को गलत पाते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए।

जिला के गांव टीकली के उपभोक्ता सत्यवान के अधिवक्ता क्षितिज मेहता के मुताबिक उपभोक्ता को फरवरी 2019 से नवम्बर 2019 तक बिजली के बिल नहीं दिए गए थे। जिसके लिए वह बिजली निगम के कार्यालय के चक्कर लगाता रहा और उसे बाद में 34 हजार 7 रुपए का बिल थमा दिया। उसने इस बिल का भुगतान बिजली निगम को कर भी दिया।

इसी दौरान उसे बताया गया कि 30 जुलाई 2019 को बिजली निगम ने चैकिंग केे दौैरान पाया था कि वह मीटर बाईपास कर बिजली की चोरी कर रहा है और उस पर 45 हजार 104 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था। उपभोक्ता जिला अदालत में बतौर गार्ड का काम करता है। उसके पास जुर्माना राशि भरने की पर्याप्त धनराशि भी नहीं थी, फिर भी उसनेे जैसे-तैसे कर जुर्माना राशि इस भय सेे भर दी थी कि कहीं बिजली निगम उसका कनेक्शन न काट दे और 2 दिसम्बर 2019 को उसनेे अदालत में बिजली निगम के खिलाफ केस दायर कर दिया था। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बिजली चोरी केे आरोपों को गलत करार देेते हुए बिजली निगम को आदेश दिया कि जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। उपभोक्ता का कहना है कि वह अब बिजली निगम पर मानहानि का केस भी दायर करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा

   

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