जिला अस्पताल की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया जा रहा मकान, प्रबंधन ने फिर लगाई गुहार

धमतरी, 30 अक्टूबर (हि.स.)। धमतरी जिला अस्पताल की शासकीय जमीन पर एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से मकान निर्माण किए जाने का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन ने इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। बताया गया है कि इस अतिक्रमण की शिकायत पूर्व में भी की जा चुकी है, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।

जिला चिकित्सालय परिसर कभी काफी विस्तृत हुआ करता था। स्वास्थ्य सेवाओं के निरंतर विस्तार के साथ अस्पताल के खाली स्थानों पर धीरे-धीरे विभिन्न विभागों की नई इमारतें बनती चली गईं। अब स्थिति यह है कि अस्पताल परिसर लगभग भर चुका है और भविष्य में नई सुविधाओं के लिए जमीन की कमी महसूस की जा रही है। इसी कारण जिला प्रशासन द्वारा नए अस्पताल निर्माण की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद मौजूदा अस्पताल परिसर के आसपास अभी भी कुछ शासकीय भूमि शेष है। इनमें से एक जगह अस्पताल परिसर के पीछे लौंड्री हाउस के पास स्थित है, जो राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 203 के रूप में दर्ज है। बताया जा रहा है कि इसी जमीन पर एक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर मकान निर्माण शुरू कर दिया है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अस्पताल की बाउंड्रीवाल के पीछे लगभग 10 हजार वर्गफीट शासकीय भूमि है, जिसका उपयोग भविष्य में अस्पताल विस्तार के लिए किया जा सकता था। इस क्षेत्र में पहले लोगों के आने-जाने के लिए रास्ता छोड़ा गया था, लेकिन अब उसी क्षेत्र में अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इससे अस्पताल प्रशासन के लिए भविष्य की योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। सिविल सर्जन डॉ. अरुण टोंडर ने बताया कि कैंप के पीछे अस्पताल की ही जमीन है, जहां अतिक्रमण कर निर्माण किया जा रहा है। इस संबंध में पूर्व में एसडीएम को पत्र लिखा गया था। अब दोबारा रिमाइंडर लेटर भेजा जा रहा है ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके। अस्पताल प्रशासन ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि शासकीय भूमि को कब्जामुक्त कराया जाए और आगे इस तरह के अतिक्रमणों पर सख्त रोक लगाई जाए। अधिकारियों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो अस्पताल के विस्तार और जनहित में योजनाओं पर असर पड़ेगा। स्थानीय नागरिकों ने भी प्रशासन से मांग की है कि सार्वजनिक उपयोग की भूमि को बचाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में किसी तरह की बाधा न आए।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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