एक माह में ही 30 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए सरस घी के दाम

चित्तौड़गढ़, 28 अक्टूबर (हि.स.)। देश एवं प्रदेश में जीएसटी स्लैब में बदलाव के नाम पर आम जनता को राहत देने की बात कहते हुए काफी प्रचार प्रसार केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किया गया, लेकिन राजस्थान में सरस डेयरी ने आम जनता को पीछे के रास्ते से झटका दिया है। एक साथ 30 रुपये प्रति लीटर तक देसी घी के मूल्य बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में जो जीएसटी के नाम पर राहत मिली थी, वह एक माह भी नहीं नहीं मिल पाई है। सरस घी के मूल्य बढ़ाने को लेकर सोमवार रात को ही आदेश जारी हुए और मंगलवार को नए मूल्य लागू हो गए हैं।

राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के जनरल मैनेजर डॉ संतोष कुमार शर्मा ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए सरस घी के दाम बढ़ा दिए है। इसमें सभी पैकिंग में देसी घी के दाम बढ़ गए। इस नए आदेश के अनुसार देशी घी में प्रति लीटर 30 रुपये तक का इजाफा हुआ है। करीब माह पूर्व 22 सितंबर को जीएसटी स्लैब में बदलाव कर राहत की बात कही जा रही थी। डेयरी फेडरेशन ने भी जीएसटी स्लैब कर घी के मूल्य प्रति लीटर 37 तक काम कर दिए थे। वहीं जीएसटी के नाम पर आम जनता को राहत मिलने का काफी प्रचार प्रसार केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा था। लेकिन एक माह में ही इस तरह से मूल्य बढ़ा देना आम जनता के साथ कहीं ना कहीं छलावा साबित होता दिख रहा है। डेयरी ने एक लीटर पैकिंग में 37 रुपए घटा कर एक माह बाद 30 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं। इससे लोगों को अधिक फायदा ज्यादा समय तक नहीं हो पाया है। वहीं लोगों की जेब पर भार भी आगामी दिनों में देखने को मिलेगा।

देवउठनी एकादशी से शुरू होने हैं मांगलिक कार्य

आगामी दो नवंबर से देव उठनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य शुरू होने हैं। इसमें विशेष तौर पर विवाह समारोह भी शुरू होने जा रहे हैं। इसमें चित्तौड़गढ़ जिले में सबसे अधिक मांग सरस के देसी घी की रहती है। भोजन एवं प्रसादी का चलन भी चित्तौड़गढ़ जिले में बहुत अधिक है। विवाह समारोह एवं प्रसादियों में सरस घी के 15 लीटर वजनी टीन सबसे अधिक बिकते हैं। इससे सरस डेयरी को भी अधिक घी बिक्री की आस रहती है तो वहीं आम लोगों को भी शुद्ध प्रोडक्ट मिल जाते हैं।

दूसरे ब्रांड ने जीएसटी बदलाव से ही पहले ही बढ़ा दिए थे मूल्य

सूत्रों की माने तो सरस घी के मूल्य राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन का नियंत्रण रहता हैं। वहीं से सरस की सभी डेयरी में मूल्य तय किए जाते हैं। जीएसटी स्लैब से पहले आरसीडीएफ समय पर निर्णय नहीं कर पाया था। वहीं अमूल सहित अन्य ब्रांड ने जीएसटी बदलाव लागू होने से पहले ही देसी घी के मूल्य में वृद्धि कर ली थी। बाद में जब जीएसटी स्लैब में बदलाव हुआ तो देसी घी के मूल्य घटा दिए, जिससे उन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। लेकिन आरसीडीएफ ने कोई निर्णय नहीं किया था, जिससे अब उन्हें नुकसान होने लगा तो कहीं ना इससे बचने के लिए अब मूल्य बढ़ाने का आदेश जारी किया है।

चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ के पूर्व अध्यक्ष बद्रीलाल जाट ने बताया कि जीएसटी स्लैब में बदलाव का कोई फायदा आम जनता को मिलता नहीं दिख रहा है। पहले ही इससे सस्ता घी आम जनता को मिल रहा था। कल जो आदेश आया है उससे आम लोगों पर भार बढ़ेगा। इससे डेयरी व किसानों को जरूर फायदा होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल

   

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