कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित दीक्षा उत्सव संपन्न
चंडीगढ़/ मसूरी, 15 नवंबर।
देवभूमि उत्तराखंड में अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा संचालित भगवान शंकर आश्रम परिसर में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में दीक्षा महोत्सव हुआ।
अपने दीक्षा समारोह में देश और दुनिया से पहुँचें लोगों को उपदेशित करते हुए गुरुश्रेष्ठ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने परम प्रज्ञ और परिमार्जित विशेष ज्ञान के प्रतीक मोरपंखी रॉयल ब्ल्यू रंग का चुनाव ही क्यों किया। गुरुदेव आर्यम जी ने बताया कि हमारे शरीर में ऊर्जा के सात पहिये हैं जिन्हें हम चक्र कहते हैं इनमें सर्वोच्च सहत्रार चक्र का रंग भी मोरपंखी नीला है। दीक्षा में चूँकि साधक का एक नया जन्म होता है और बिना बौद्धिक विकास के उसके पथभ्रष्ट होने की संभावना अधिक रहती है अतः यह रंग आत्मरूपांतरण में गेरुए से भी अधिक शुद्ध है। पूर्ववर्ती महान गुरुओं जिनमें गुरु गोरखनाथ और गुरु गोविंद सिंह जी का नाम प्रमुख हैं ने भी इस रंग का विशिष्ट प्रयोग किया था।
आज के सुअवसर पर आर्यम गुरुगायत्री का भी लोकार्पण किया गया। देश विदेश से पधारे श्रद्धालुओं में से 35 नव दीक्षित, 38 मंत्र दीक्षित, एवं 110 लोगों ने शक्तिपात दीक्षा ली। जबकि पूर्ववर्ती दीक्षित संयोगियों ने शक्तिपात का अनुभव अर्जित किया। ज्ञात हो कि गुरु श्रेष्ठ आर्यम जी महाराज के पावन सानिध्य में हज़ारों हज़ार लोगों का जीवन तेज़ी से रूपांतरित हो रहा है। लोग पूर्ण समर्पण और श्रद्धा विश्वास से अपनी मूल जड़ों की और लौट रहे हैं। यज्ञ प्रार्थना हवन भजन और मंत्र सभी की जीवन शैली का अंग बन रहे हैं। लोगों का जीवन अधिक सफल, अधिक शांत अधिक समृद्ध और अधिक सुखी होता जा रहा है। ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री ने बताया कि देश विदेश में गुरुदेव आर्यम जी महाराज के सर्वाधिक दीक्षित शिष्य हैं, जो देश विदेश में विस्तारित हैं। उनके अध्यात्म का प्रकाश चहुं ओर फैल रहा है।कार्यक्रम के आयोजन में माँ यामिनी श्री, श्वेता जायसवाल,शालिनी श्री, सुनील आर्य, प्रविंद्र , देवेंद्र,अविनाश जायसवाल , अक्षिता , अक्ष , जितेंद्र शर्मा, प्रीतेश आर्य, सरिता कृष्णे , हर्षिता आर्यम और रमन सिंह आदि का सहयोग रहा।