योग से सशक्त हाेता है मन, मस्तिष्क और शरीर : न्यायमूर्ति अताउर्रहमान मसूदी

लखनऊ, 21 जून (हि. स.)। ग्यारहवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक धरती, एक सेहत विषय के साथ पूरे विश्व में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के परिसर में एक विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया। न्यायमूर्ति अताउर्रहमान मसूदी ने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर की आवश्यकता को समझते हुए योग को अपनाना चाहिए। योग न केवल मस्तिष्क को सशक्त करता है, अपितु आंखों, हाथों, पैरों एवं अन्य सभी अंगों को भी मजबूत बनाता है। योग के माध्यम से ही मन, मस्तिष्क और शरीर को सुदृढ़ रखा जा सकता है। न्यायमूर्ति ने आह्वान करते हुए कहा कि वे योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं एवं स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हों।

इस अवसर पर न्यायमूर्तिगण, न्यायालय के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण एवं अन्य प्रतिष्ठित सदस्यगण ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रशिक्षित योगाचार्य डॉ. त्रिभुवन यादव के मार्गदर्शन में किया गया। जिन्होंने विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराते हुए उनके शारीरिक एवं मानसिक लाभों की विस्तार से जानकारी दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

   

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