सुक्खू सरकार में सभी बोर्ड निगम घाटे में, यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन : राकेश पठानिया

धर्मशाला, 22 नवंबर (हि.स.)। पूर्व मंत्री राकेश पठानिया ने पर्यटन निगम के होटलों को लेकर बनी स्थिति के लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही हिमाचल में पर्यटन पिछड़ता जा रहा है। पठानिया ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के समय में हिमाचल के टूरिज्म की मार्किटिंग के लिए हम राज्यों में जाते थे और टूरिज्म को मजबूत करते थे। उस समय हम लगभग सात से साढ़े सात करोड़ के प्रोफिट पर थे।

उन्होंने कहा कि चायल पैलेस एक ऐसी प्रॉपटी है जो कि लगभग 300 कनाल भूमि पर फैली हुई है और वे हैरिटेज सम्पति शायद देश की नंबर एक है। उससे हर वर्ष लगभग साढ़े 4 से 5 करोड़ का प्रॉफिट सरकार लेती थी, आज के समय में वह बिकने की कगार पर पहुंच गया है।

शुक्रवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अंदर जो कारपोरेशन हैं, उसमें रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लगभग 1996 करोड़ रुपए के घाटे पर चल रहा है। बिजली बोर्ड लगभग 1883 करोड़ रुपए, पावर कारपोरेशन लगभग 6890 करोड़ के घाटे में चल रहे हैं। इसके साथ ही हिमाचल ट्रांसमिशन पावर कारपोरेशन इस समय लगभग 183 करोड़ के घाटे में चल रहा है। हिमाचल टूरिज्म डिवेल्मेंट कारपोरेशन इस समय लगभग 12680 करोड़ घाटे में चल रहे हैं। जिसको हम किसी समय लाभ में छोड़ कर आए थे।

धर्मशाला को सुक्खू सरकार टूरिज्म का हब बनाने की बात करते है, लेकिन धर्मशाला के होटल धौलाधार, भागसू, कुनाल, कश्मीर हाउस आदि बंद होने की कगार पर हैं और सरकार कहती है कि हम पहले वर्ष हिमाचल के एक लाख युवाओं को नौकरी देंगे। जहां से सरकार के खजाने में बढ़ोतरी होती है, उन्हीं को सरकार बंद करवाने पर तुली हुई है, तो नौकरी कहां से देंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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