दलाई लामा को नोबेल पुरस्कार मिलने की 35वीं वर्षगांठ पर समारोह का आयोजन
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- Dec 10, 2024
धर्मशाला, 10 दिसंबर (हि.स.)। बौद्ध नगरी मैक्लोडगंज के मुख्य बौद्ध मंदिर में मंगलवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा को मिले नोबेल शांति पुरस्कार की 35वीं वर्षगांठ पर समारोह का आयोजन किया गया। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन द्वारा आयोजित इस समारोह के दौरान 76वें अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस भी मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के कार्यवाहक सिक्योंग द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर की गई। तिब्बती इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आट्र्स (टीआईपीए) के कलाकारों ने नोबेल शांति पुरस्कार के सम्मान में एक गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यूजीलैंड संसद के सदस्य जोसेफ मूनी, विशेष अतिथि पूर्व मंत्री और इंडिया फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष सुरेश प्रभु सहित बड़ी संख्या में देश-विदेश के बौद्ध अनुयायी, बौद्ध भिक्षु व पर्यटक मौजूद रहे। इस अवसर पर फिजी संसद के सदस्य रिनेश और न्यूजीलैंड संसद के सदस्य हेलेन व्हाइट अपना संबोधन दिया। इंडिया फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे।
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा विश्वभर में शांति के रूप में तिब्बती धर्मगुरु के नाम से जाने जाते हैं। दलाई लामा को 10 दिसंबर 1989 को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। इस मौके पर फ़िजी संसद के सदस्य रिनेश शर्मा, न्यूजीलैंड संसद की सदस्य हेलेन व्हाइट, न्यूजीलैंड संसद की सदस्य इंग्रिड लेरी, इंडिया फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी, विशेष अतिथि पूर्व मंत्री और इंडिया फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष सुरेश प्रभु मौजूद रहें।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने इस मौके पर तिब्बत में चीन के दलाई लामा विरोधी अभियानों और मानवाधिकारों के हनन की निंदा की, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि चीनी कब्जे के कारण 1.2 मिलियन से अधिक तिब्बती मारे गए हैं और 6,000 से अधिक धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थान नष्ट हो गए हैं। इन कार्रवाइयों के बावजूद, दलाई लामा चीनी नेताओं की बुद्धिमता के लिए प्रार्थना जारी रखते हैं।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने की दलाई लामा के 90वें जन्मदिन की घोषणा
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने दलाई लामा के 90वें जन्मदिन (6 जुलाई, 2025 - 6 जुलाई, 2026) को करुणा के वर्ष के रूप में विश्व स्तर पर मनाने की घोषणा भी इस मौके पर की।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया