कोडरमा, 24 मार्च (हि.स.)। सरमाटांड से गझंडी तक कवच स्पेशल का सोमवार को सफल ट्रायल किया गया, जो सफल रहा है। पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के सीपीआरओ सरस्वती चंद ने बताया कि यह परियोजना लगभग 408 रूट किलोमीटर लंबे पं.दीनदयाल उपाध्याय जं.-मानपुर-कोडरमा-प्रधानखांटा रेलखंड भारतीय रेल के दिल्ली-हावड़ा रेलखंड के व्यस्तम मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रेलखंड उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्य से होकर गुजरता है। इस रेलखंड पर 8 जंक्शन स्टेशन सहित कुल 77 स्टेशन, 79 लेवल क्रॉसिंग गेट और 7 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल हैं।
उन्होंने बताया कि 'कवच' एक टक्कर रोधी तकनीक है। यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है। जैसे ही यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक में दूसरी ट्रेन का पता लगाती है, तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक लगाने में सक्षम है।
पं.दीनदयाल उपाध्याय जं. से प्रधानखांटा तक 'कवच' प्रणाली की स्थापना के लिए करीब 151 करोड़ राशि जारी की गई है। इस प्रणाली को पूर्व मध्य रेल के अन्य महत्वपूर्ण रेलखंडों पर स्थापित करने की प्रक्रिया पर तेजी से कार्य चल रहा है। धनबाद रेल मंडल के मानपुर से कोडरमा के रास्ते प्रधानघंटा तक कवच प्रणाली लगाई जा रही है। वर्तमान समय में यह कार्य सरमाटांड से गझंडी तक हो चुका है और इसके लिए स्पेशल इंजन के जरिये गया से लेकर सरमाटांड तक ट्रायल किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा। अप और डाउन लाइन यह ट्रायल किया गया।
ट्रायल के मौके पर पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य संचार पदाधिकारी अजीत कुमार, उप मुख्य दुर संचार अभियंता राजेश कुमार कोशवाहा, सहायक संकेत दुरसंचार अभियंता (गया) शंभु बैठा, कोडरमा के यातायात निरीक्षक अरविन्द कुमार सुमन मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव समीर



