रांची में संपूर्ण विधि-विधान से की गई भगवान विश्वकर्मा की पूजा

रांची, 17 सितंबर (हि.स.)। झारखंड की राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों में बुधवार को सृष्टि के शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर संपूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई।

श्रद्धालु नहा धोकर भगवान विश्वकर्मा की फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की और विधिवत आरती की। भगवान विश्वकर्मा की पूजा रांची के विभिन्न इलाकों में की गई, जिसमें रातू रोड, हरमू चौक, अरगोड़ा, धुर्वा, मोरहाबादी और डोरंडा शामिल है।

आम लोगों ने भी सुबह में अपने वाहनों की साफ-सफाई की और फिर पूजा-अर्चना की। कुछ लोगों ने अपने घरों में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर रखकर, तो कुछ लोगों ने घर में इस्तेमाल होने वाले लोहे की वस्तुओं और औजारों की पूजा-अर्चना की।

उल्लेखनीय है कि भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में सृष्टि के शिल्पी, वास्तुकार और अभियंता माना जाता है। उन्होंने ही देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, स्वर्ग लोक, सोने की लंका और द्वारकापुरी जैसी दिव्य रचनाएं की हैं। उन्हें कार्यस्थलों, उद्योगों और औजारों की सुरक्षा, नवाचार और समृद्धि के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।

भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

   

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