3 रिश्तेदारों की रहस्यमयी मौत, दुखी परिवार ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की
- Admin Admin
- Nov 25, 2025
कठुआ, 25 नवंबर हि.स.। तीन रिश्तेदारों की रहस्यमयी मौत के लगभग नौ महीने बाद उनके दुखी परिवारों के कुछ सदस्यों ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी जिसमें पुलिस और प्रशासन पर न्याय दिलाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया गया।
उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन सीबीअई या नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दिया जाए।
देहोता के वरुण सिंह (15), उनके चाचा योगेश सिंह (32) और मामा दर्शन सिंह (40) के शव दूर मल्हार इलाके में इशु नाला में एक झरने से मिले थे जब वे 5 मार्च को एक शादी समारोह में जाते समय लापता हो गए थे। इस घटना में अपने बेटे और भाई को खोने वाले चमेल सिंह के नेतृत्व में दुखी परिवारों के तीन सदस्य कठुआ जिले के मल्हार इलाके में शिव मंदिर परिसर के अंदर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए।
मृतकों के लिए ‘हवन’ (खास प्रार्थना) के बाद विरोध शुरू हुआ जिसमें मडून देओटा, मछेड़ी, लोहाई और कुंड गांवों के स्थानीय लोग दुखी परिवारों के साथ घटना की निष्पक्ष जांच के लिए दबाव बनाने के लिए शामिल हुए।
सिंह ने कहा कि देरी न्याय से इनकार करने के बराबर है। उन्होंने सच्चाई सामने आने और दोषियों को सज़ा मिलने तक संघर्ष जारी रखने की कसम खाई। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि क्राइम की क्रूरता के बावजूद सरकार निष्पक्ष जांच करने में नाकाम रही।
उन्होंने कहा कि मेरे बेटे मेरे भाई और मेरे जीजा की प्लानिंग के साथ हत्या कर दी गई और उनके शव 4 मार्च को इशु नाले में फेंक दिए गए। वे कई दिनों बाद मिले उन्होंने हत्या के लिए आतंकवादियों को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा कि परिवार नौ महीने से फाइनल पुलिस रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं फिर भी कोई पक्की जानकारी शेयर नहीं की गई है। सिंह ने कहा कि पुलिस अपनी रिपोर्ट जमा करने में नाकाम रही है और जांच के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम एसआईटी से भी कोई नतीजा नहीं निकला है। हमने लोकल पुलिस स्टेशन से लेकर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस के ऑफिस तक हर दरवाज़ा खटखटाया है लेकिन कोई इंसाफ़ नहीं मिला है। उन्होंने इंसाफ़ मिलने तक अनशन जारी रखने का वादा किया।
प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर हैरानी जताई कि न तो पोस्टमॉर्टम और न ही फ़ोरेंसिक रिपोर्ट अब तक पब्लिक की गई है और मांग की कि इस मामले को बिना किसी भेदभाव के जांच के लिए सीबीअई या नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दिया जाए
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता



