राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और मनोरंजन मिशन के नाम पर कर रहे थे ठगी, दाे गिरफ्तार

नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। नई दिल्ली जिले की साइबर पुलिस थाना की टीम ने सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पीड़ितों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपित ग्रामीण विकास मंत्रालय की फर्जी वेबसाइट बनाकर पीड़ितों को सरकारी नौकरी का झांसा देते थे और वेबसाइट पर प्रसारित क्यूआर कोड से पैसे ट्रांसफर कराते थे। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान गिरोह के मास्टरमाइंड हैदराबाद तेलंगाना के रशीद चौधरी और असम के करीम गंज के इकबाल हुसैन के रूप में हुई है।

आरोपितों के कब्जे से अपराध करने में इस्तेमाल किए गए 11 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 21 खातों की चेक बुक, चार नकली स्टैम्प व अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है। नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला के मुताबिक, ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से 22 मार्च को शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें बताया गया था कि फर्जी वेबसाइट www.nrdrm.com और www.nrdrmvacany.com पर मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की तस्वीरों के साथ फर्जी भर्ती विज्ञापनों का प्रसार किया जा रहा है, ताकि पीड़ित नौकरी चाहने वालों को लुभाया जा सके।

भर्ती के लिए पंजीकरण के बहाने पीड़ितों से भुगतान की मांग की जाती थी। 23 मार्च साइबर पुलिस थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान, फर्जी वेबसाइटों से जुड़ा एक क्यूआर कोड मिला, जिसका इस्तेमाल पीड़ितों से 299 और 399 रुपये की पंजीकरण फीस लेने के लिए किया गया था। इस क्यूआर कोड के जरिए यह पैसा असम के सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के खाते में जमा किया गया था। पैसे को आगे कई खातों में भेजा गया और बाद में एटीएम के जरिए निकाला गया।

इसके बाद, विभिन्न बैंकों से एटीएम से नकदी निकासी के सैकड़ों से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिससे संदिग्धों का पता दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में लगाया गया। निगरानी से पता चला कि वह शकरपुर, लक्ष्मी नगर में किराए के फ्लैट में रहते हैं। एसीपी रतन लाल और इंस्पेक्टर हरीश चंद्र के नेतृत्व में गठित टीम ने 18 मई को पहचाने गए स्थान पर छापा मारते हुए इकबाल हुसैन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसका काम एटीएम से नकदी निकालना और इसे मास्टरमाइंड राशिद चौधरी को सौंपना था।

उसकी निशानदेही पर लक्ष्मी नगर इलाके में छापा मारते हुए गिरोह के सरगना राशिद चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। आगे की पूछताछ में, उसने बताया कि वह सरकारी भर्ती के लिए फर्जी आनलाइन विज्ञापनों के जरिये रैकेट चला रहा था। राशिद ने फर्जी साइट बनाने के लिए वेब डेवलपर्स, विज्ञापनों के प्रबंधन के लिए आपरेटिव और बैंक खाते और सिम कार्ड हासिल करने के लिए अन्य लोगों सहित विशेषज्ञों की एक टीम बना रखी थी। वह रैकेट के प्रबंधक और प्रशिक्षक दोनों के रूप में काम करता था। दोनों आरोपितों ने लक्ष्मी नगर में अलग-अलग फ्लैट किराए पर लिए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी

   

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