साइबर सुरक्षा की नई पहल: सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर शैक्षणिक संस्थानों में गूंजा सुरक्षित इंटरनेट का संदेश
- Rahul Sharma
- Feb 12, 2025

जम्मू। स्टेट समाचार
डिजिटल युग में इंटरनेट के व्यापक उपयोग के साथ, साइबर खतरों की चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, फ़िशिंग हमले, और डिजिटल गोपनीयता के उल्लंघन से बचाव के लिए सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज (जीडीसी) उधमपुर, जीडीसी रामगढ़ और जीजीएम साइंस कॉलेज समेत विभिन्न संस्थानों में कार्यशालाएँ आयोजित कीं गईं जिनका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और आम जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था।
इंटरनेट आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ रहा है। डेटा चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी, सोशल मीडिया स्कैम, और फ़िशिंग जैसी घटनाएँ आम होती जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को डिजिटल दुनिया में सतर्क रहने और साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता परियोजना के तहत देशभर में सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया गया।
जानकारों की माने तो सुरक्षित इंटरनेट केवल जागरूकता से ही संभव है। इसलिए, प्रत्येक नागरिक को अपने डिजिटल व्यवहार को जिम्मेदारी से अपनाना चाहिए ताकि साइबर अपराधों से बचा जा सके और एक सुरक्षित साइबर वातावरण का निर्माण हो सके।
जीडीसी उधमपुर में साइबर सुरक्षा जागरूकता सत्र
गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, उधमपुर के एनएसएस विंग ने प्रो. सुनील शर्मा के नेतृत्व में एक जागरूकता सत्र आयोजित किया जिसमें 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस सत्र में इंटरनेट सुरक्षा, डिजिटल गोपनीयता और साइबर सुरक्षा उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। प्राचार्य प्रो. संजय वर्मा ने छात्रों को डिजिटल सतर्कता के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें साइबर धोखाधड़ी से बचने की सलाह दी। इस कार्यशाला में प्रो. बाबू लाल ठाकुर, प्रो. सुरेश डोगरा, डॉ. गुरप्रीत कौर, प्रो. परवीन सिंह, प्रो. संजीत सिंह और प्रो. विजय कुमार जैसे वरिष्ठ शिक्षकों ने भी भाग लिया।
इस सत्र में कई विषयों पर जोर दिया गया जिसमे फ़िशिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी – संदिग्ध ईमेल और वेबसाइटों से बचने के उपाय, पहचान की चोरी और गोपनीयता संरक्षण, निजी जानकारी साझा करने से बचने की सलाह, मजबूत पासवर्ड सुरक्षा, पासवर्ड प्रबंधन और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग आदि जानकारी शामिल थी।
जीडीसी रामगढ़ में सुरक्षित इंटरनेट पर कार्यशाला
राजकीय डिग्री कॉलेज, रामगढ़ के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ और कंप्यूटर साइंस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. (डॉ.) गीतांजलि अंदोत्रा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस कार्यशाला में डॉ. अदिति खजूरिया और एचओडी कंप्यूटर एप्लीकेशन दर्पण ने सहभागियों को साइबर सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। कार्यशाला में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन और सूचनात्मक ऑडियो-वीडियो डिस्प्ले का उपयोग किया गया जिससे छात्र बेहतर ढंग से ऑनलाइन खतरों को समझ सकें।
कार्यक्रम के दौरान मैलवेयर और वायरस हमले, असुरक्षित वेबसाइटों और डाउनलोड से बचाव, फ़िशिंग स्कैम, नकली वेबसाइट और ईमेल के माध्यम से धोखाधड़ी की पहचान, डेटा सुरक्षा और एन्क्रिप्शन, संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने की तकनीक आदि शामिल थी। छात्रों को पासवर्ड प्रबंधन, सुरक्षित ब्राउज़िंग, और सोशल मीडिया पर सतर्क रहने के लिए भी प्रेरित किया गया।
जीजीएम साइंस कॉलेज में साइबर सुरक्षा पर व्याख्यान
जीजीएम साइंस कॉलेज के कंप्यूटर साइंस विभाग ने प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) रोमेश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस सत्र में प्रमुख संसाधन व्यक्ति प्रो. सुरिंदर सिंह और प्रो. सुरेश सिंह थे। प्रो. सुरिंदर सिंह ने छात्रों को साइबर स्वच्छता, मजबूत पासवर्ड बनाने और सोशल मीडिया जोखिमों से बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
प्रो. सुरेश सिंह ने फ़िशिंग, मैलवेयर, और पहचान की चोरी के खतरों पर प्रकाश डालते हुए बचाव के उपाय सुझाए। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सुरक्षा बनाए रखने के लिए जागरूकता और सतर्कता जरूरी है। इस कार्यक्रम में प्रो. प्रीति गुप्ता, प्रो. अंकुश राज, प्रो. कमलजीत सिंह और प्रो. अमीक रहमान समेत कई शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान आयोजित इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों ने साइबर सुरक्षा से संबंधित सवाल पूछे और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किए।
साइबर सुरक्षा को लेकर छात्रों और शिक्षकों की राय
इन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों ने साइबर सुरक्षा की गंभीरता को महसूस किया और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के लिए नए उपाय अपनाने का संकल्प लिया।
गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, उधमपुर के एक छात्र ने कहा, अब हमें पता चला कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन कितना जरूरी है।
जीडीसी रामगढ़ की एक छात्रा ने साझा किया, फ़िशिंग ईमेल के खतरों को लेकर हमारी जागरूकता बढ़ी है। अब हम अधिक सतर्क रहेंगे।
जीजीएम साइंस कॉलेज के एक प्रोफेसर ने कहा, इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति सचेत करते हैं।