केदारघाट के नागेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन से मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

नागेश्वर महादेव मंदिर

वाराणसी,20 जुलाई (हि.स.)। सावन मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है। शिवलिंग पर जलाभिषेक कर श्रद्धालु अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति की कामना करते हैं। बाबा विश्वेश्वर (श्री काशी विश्वनाथ) की नगरी में कदम—कदम पर शिवालय है। हर मंदिर की अपनी महिमा है। इन्हीं में से एक प्राचीन नागेश्वर महादेव मंदिर है जो केदारघाट पर स्थित है।

इस मंदिर का उल्लेख शिवपुराण, काशी खंड, वेद, और उपनिषदों में भी मिलता है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में विधिवत दर्शन-पूजन और जलाभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही, श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करने पर भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। स्थानीय समाजसेवी रामयश मिश्र बताते हैं कि श्रावण मास में इस मंदिर में विशेष भीड़ उमड़ती है। दूर-दूर से श्रद्धालु कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए यहां आते हैं और बाबा नागेश्वर का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करना शुभ मानते हैं। उन्होंने बताया कि यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आस्था और विश्वास का भी केंद्र है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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