एससी,एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई लड़ेगी महापंचायत

मंडी, 17 नवंबर (हि.स.)।हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई लड़ेगी अब अलग-अलग मोर्चे पर नहीं एक ही बैनर तले लड़ी जाएगी। जिसके लिए अल्पसंख्यक के 23 संगठनों के राज्याध्यक्षों ने मंडी में बैठक कर बहुमत एकता मिशन के रूप में महापंचायत का गठन करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर सभी वर्गों के प्रतिनिििधयों ने चर्चा करते हुए कहा कि इन वर्गों में संविधान में दिए गए अधिकारों , सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक विकास की योजनाओं को सरकार की ओर से लागू करवाने की बात की गई।

इस अवसर पर कोली समाज के प्रदेशाध्यक्ष अमर चंद सलाठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आबादी का करीब पचास प्रतिशत हिस्सा एससी,एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग से है। लेकिन राजनैतिक और सामाजिक स्तर पर इन वर्गों की भागीदारी उनती नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति -जनजाति सब प्लान का लगभग अस्सी फीसदी बजट डायवर्ट कर दिया जाता है। उसी प्रकार एससी-एसटी डिवेल्पमेंट एक्ट भी हिमाचल प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महापंचायत अपने आपमें कोई पंजीकृत संगठन न होकर सभी 23 पंजीकृत संगठनों के प्रतिनिधियों का एक समूह के रूप में कार्य करेगा। जिसका कोई अध्यक्ष या कार्यकारिणी न होकर रोटेशन में बैठकों की अध्यक्षता सभी संगठनों के राज्याध्यक्ष बारी-बारी करेंगे। वहीं पर महापंचायत दूसरे संगठानों से प्रतिस्पर्धा के बजाय समन्वय स्थापित करेंगे।

वहीं प्रकाश चंद ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद जातीय और धार्मिक संगठन अपने संविधानिक अधिकारों की लड़ाई लडऩे के लिए एकमंच पर इक्टठा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सगंठनों की सदस्यता बढ़ाकर महापंचायत पर दस प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

   

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