मुंबई, 27 जुलाई (हि.स.)।महाराष्ट्र सरकार ने निजी मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को10प्रतिशत आरक्षण देने के फैसला का विरोध शुरु हो गया है। छात्रों और अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए मांग की है कि इस फैसले तुरंत को वापस लिया जाना चाहिए। जब सीटें नहीं बढ़ाई जाती, तब तक इस निर्णय को लागू नहीं किया जाना चाहिए। अन्यथा अन्य वर्गों के छात्रों के साथ अन्याय होगा।
विद्यार्थियों और अभिभावकों की इस संबंध में लगातार शिकायतों का पत्र मिल रहा है।राज्य सरकार के ई-मेल पर पत्र भेजने वालों ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया है, जिसमेंईडब्ल्यूएसवर्ग के लिए सीटें आरक्षित की जा सकती हैं,लेकिन इससे किसी अन्य वर्ग की सीटें प्रभावित नहीं होने की बात कही गई है। मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ को ईमेल पर पत्र भेजकर इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई है।
गैर-सहायता प्राप्त निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेज प्रबंधन एसोसिएशन (एएमयूपीएमडीसी) ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह तक नहीं ली गई। सरकार ने ईडब्ल्यूएस सीटों के लिए प्रवेश बढ़ाने के संबंध में विचार नहीं किया है। इससे निजी कॉलेजों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार



