राजसत्ता का प्रमुख धर्मध्वजा स्थापित करे तो राष्ट्रीय संस्कृति का प्रचार व प्रभाव विश्वव्यापी : शंकराचार्य वासुदेवानन्द
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- Nov 25, 2025
प्रयागराज, 25 नवम्बर (हि.स.)। जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामी वासुदेवादन्द सरस्वती महाराज मंगलवार को श्री रामजन्म भूमि अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ध्वज स्थापन कार्यक्रम में सम्मिलित होने के पश्चात प्रयागराज पहुंचे।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा भगवान श्रीराम के जन्म स्थान पर बने भव्य दिव्य मंदिर पर विराट पावन ध्वज स्थापित करना देश और सम्पूर्ण सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यदि राजसत्ता का प्रमुख धर्म ध्वजा स्थापित करे तो राष्ट्रीय सनातन धर्म व संस्कृति का प्रचार, प्रसार व प्रभाव विश्वव्यापी होता है।
वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि शंकराचार्य के सानिध्य में 26 नवम्बर बुधवार से श्री ब्रह्मनिवास श्री शंकराचार्य आश्रम अलोपीबाग में ‘आराधना महोत्सव’ के उपलक्ष्य में श्रीमदभागवत महापुराण कथा का कार्यक्रम 4 दिसम्बर तक चलेगा। कार्यक्रम के अनुसार श्रीमद्भागवत रसराज रसिक अनन्त स्वामी अखंडानंद सरस्वती के कृपापात्र शिष्य श्रवणानन्द सरस्वती द्वारा कथा वाचन होगा।
प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया कि बुधवार को प्रातः वेदी रचना, गौरी गणेश पूजन, प्रतिदिन प्रातः 7 बजे से 12 बजे तक मूल पाठ, रामरस रसिक जयपुर निवासी श्री प्यारे मोहन द्वारा प्रतिदिन प्रातः 7 से मध्यान्ह 12 बजे तक मानस गायन एवं प्रति दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक श्रवणानन्द महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का वाचन होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र



