पंचायतों व निकायों में अब पिछड़ा वर्ग-ए की तरह बी को भी आरक्षण

विधानसभा में पंचायती राज व निकायों के संशोधित विधेयक पारित

बीसी-बी को मिलेगा पांच प्रतिशत आरक्षण, बीसी-ए को पहले से मिल रहा आठ प्रतिशत आरक्षण

चंडीगढ़, 18 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में अब पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) की तरह पिछड़ा वर्ग-बी (बीसी-बी) को भी आरक्षण मिलेगा। हालांकि बीसी-ए को जहां आठ प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, वहीं बीसी-बी को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। विधानसभा में सोमवार को इस संबंध में विधेयक पारित कर दिए गए।

कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने बिल पर चर्चा के दौरान नगर पालिकाओं, नगर परिषद व पंचायतों में बीसी-ए व बीसी-बी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि बीसी-ए और बीसी-बी को आरक्षण कुल जनसंख्या में से पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में दिया जाना चाहिए।

विधानसभा में आज पारित किए गए विधेयक के अनुसार प्रदेश में पिछड़ा वर्ग-ए की 18.93 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग-बी की 15.05 प्रतिशत आबादी है। पंच-सरपंच और पंचायत समिति सदस्यों से लेकर जिला परिषद सदस्य तथा नगर निगमों, पालिकाओं और परिषदों में बीसी-बी को आरक्षण दिया जाएगा। विधानसभा में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक और हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक पारित कर दिए गए। नियमों में बदलाव के बाद अब बीसी (बी) को आरक्षण मिलने से उन्हें लोकतंत्र में अधिक भागीदारी और अधिकार मिलेंगे। इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।

विधानसभा में बिल पास होते ही आगामी निकाय चुनावों में बीसी-बी को आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश सरकार जनवरी में नगर निगमों के साथ ही नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के रिक्त पदों पर चुनाव करने की तैयारी में है। निकाय चुनाव में आरक्षण से बीसी-बी के लिए कई सीटें सुरक्षित होंगी।

बीसी (बी) श्रेणी को दिए जाने वाले आरक्षण से बीसी (ए) श्रेणी के आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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