स्कूली बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न करें - परिवहन निरीक्षक

मुरादाबाद, 05 अगस्त (हि.स.)। स्कूली बच्चों की सुरक्षा एवं सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत संभागीय परिवहन कार्यालय में सोमवार को फिटनेस कैंप लगाया गया। कैंप में कुल 22 स्कूली वाहनों निरीक्षण किया गया व निरीक्षण के बाद उनको प्रमाण पत्र जारी किया गया। परिवहन निरीक्षक हरिओम ने बताया कि जो स्कूली वाहन मानक के अनुरूप नहीं थे, उन स्कूल संचालक को हिदायत दी गई है कि बिना फिटनेस वाहनों का संचालन न करें। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न करें, यदि कोई स्कूली वाहन खराब है तो उसका संचालन बच्चों को लाने या ले जाने में न किया जाए।

परिवहन निरीक्षक ने आगे कहा कि स्कूली वाहनों के मानक सामान्य वाहनों से अलग हैं, स्कूली वाहन की स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर प्रति घंटा निश्चित है । स्कूली वाहनों में पैनिक बटन, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा इत्यादि होना अनिवार्य है। स्कूल चालक की निर्धारित वर्दी खाकी है एवं कंडक्टर की वर्दी स्लेटी कलर की है। यदि स्कूली वाहन में बच्चियां जाती है तो उनके लिए महिला कंडक्टर आवश्यक है। स्कूल वाहन चलाने के लिए न्यूनतम 5 वर्ष का जिस श्रेणी का वाहन चला रहा है। उस श्रेणी का लाइसेंस होना अनिवार्य है। वाहन चालक शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है।

उन्हाेंने बताया कि सभी स्कूल संचालकों से अपील है कि जो नियमावली के अनुसार वाहन को तैयार कर स्कूल में बच्चों के सुरक्षा के दृष्टिगत संचालित करें। अस्वस्थ एवं फिटनेस फेल वाहनों का संचालन बच्चों को लाने या ले जाने में न करें। स्कूली बच्चों के माता-पिता से अपील की जाती है कि अपने बच्चों को ई-रिक्शा एवं ऑटो-रिक्शा में स्कूल न भेजें। स्कूली बच्चों के परिवहन में ऑटो-रिक्शा एवं ई-रिक्शा पूर्णत: प्रतिबंधित है।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश

   

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