श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने किया आंदोलन का आगाज
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- Nov 29, 2025
जम्मू, 29 नवंबर (हि.स.)। श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सिलेंस में हिंदुओं को ही प्रवेश देने की मांग को लेकर
सघर्ष समिति के संयोजक कर्नल मनकोटिया ने किया विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व।
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सिलेंस में एक समुदाय के छात्रों को प्रवेश के विरोध में शनिवार को आंदोलन का आगाज कर दिया। संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया के नेतृत्व में शहर के रघुनाथ मंदिर चौक से लेकर इंदिरा चौक तक सैकड़ों लोगों ने रैली निकाल कर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सिलेंस प्रबंधन के विरोध में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के बाद श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति की कोर कमेटी के सदस्यों ने डिवीजनल कमिश्नर कार्याल्य के माध्यम से राष्ट्रपति, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
संभाग के अन्य अन्य सभी 9 जिलों सांबा, कठुआ, उधमपुर, रियासी, राजोरी, पुंछ, रामबन, डोडा, किश्तवाड में भी जिला संघर्ष समितियों के जिला संयोजकों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए और संबंधित जिलों के जिलाधीशों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजे गए।
इससे पूर्व रघुनाथ मंदिर चौक में संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया, सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष पुरुशोत्तम दधीचि और समिति के जिला संयोजक संजय महाजन ने बकायदा रघुनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर माथा टेका और आंदोलन की सफलता की कामना की। रघुनाथ मंदिर के पुजारियों ने संघर्ष समिति के सदस्यों को फूल माला और चुनरी भेंट कर आंदोलन के लिए शुभकामनाएं व आर्शीवाद दिया।
अपने संक्षिप्त संबोधन में संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया ने कहा कि पहले तो श्राइन बोर्ड को धार्मिक कार्यक्रमों और धार्मिक संस्थान बनाने की ओर ही ध्यान देना चाहिए। अगर मेडिकल कालेज बनाया ही है तो इसमें हिंदुओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एक्सीलेंस पूरी तरह से हिंदुओं के दान से बना हुआ है और यह लाखों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का भी सवाल है। अगर अन्य कई ऐसे मेडिकल कालेजों में एक विशेष समुदाय के छात्रों को प्राथकिता दी जा सकती हैं तो श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एक्सिलेंस के लिए क्यों नहीं? उन्हांने कहा कि संघर्ष समिति ने करोड़ों भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन का आगाज किया है जिससे सामाजिक सौहार्द बना रहे और पवित्र मंदिर की गरिमा अक्षुण रहे।
पुरुषोत्तम दधीचि ने अपने संबोधन में कहा कि श्री माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से लेकर अन्य पूरे क्षेत्र में जहां मास-शराब सभी प्रतिबंधित है, ऐसे में सरकार यह कैसे सुनिश्चित कर पाएगी कि इस प्रकार मुस्लिम समुदाय के ही अधिकांश छात्रों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन देने से मास का सेवन नहीं होगा। हिंदू समुदाय यह सहन नहीं करेगा और जब तक यहां पर शत-प्रतिशत हिंदुओं को एडमिशन नहीं दी जाती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
संघर्ष समिति का कहना है कि सभी चिंताएं जन-हित में उठाई गई हैं। ज्ञापन में नीति सुधार एवं पुनर्सरचना की आवश्यकता संबंधी सुझाव पवित्रता की रक्षा, जन आस्था को सुरक्षित रखने और संभावित सामाजिक तनाव से बचने के लिए दिए गए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन श्राइन बोर्ड अधिनियम 1988 के तहत हुआ था ताकि पवित्र मंदिर का उचित प्रबंधन प्रशासन, विकास और विनियमन सुनिश्चित किया जा सके तथा भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन का उपयोग केवल मंदिर से जुडे़ आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और परोपकारी उद्देश्यों के अनुरूप किया जा सके। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।
ज्ञापन में कहा गया है कि एसएमवीडीआइएमई की 50 एमबीबीएस सीटों में से 45 सीटें ऐसे समुदाय के छात्रों को आवंटित की गई हैं जिनकी आस्था वैष्णो देवी में नहीं है। इसलिए इस प्रवेश प्रक्रिया को खारिज किया जाना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह



