राज्य सरकार के टैब वितरण में बड़ी साइबर धोखाधड़ी का खुलासा, एक हजार 190 बैंक खातों पर शिकंजा

कोलकाता, 22 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उच्च माध्यमिक छात्रों को टैब खरीदने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता के वितरण में बड़ी साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस घोटाले में ठगों ने एक हजार से अधिक बैंक खातों का उपयोग कर सरकारी धन को गबन किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच अधिकारियों ने अब तक एक हजार 190 बैंक खातों को जब्त कर लिया है और इन खातों में जमा घोटाले की रकम को राज्य कोष में वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मामले में अब तक कुल 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि सरकारी खजाने से छात्रों को टैब खरीदने के लिए जारी धनराशि लाभार्थियों के खातों में पहुंचने के बजाय ठगों द्वारा हायर किए गए फर्जी बैंक खातों में पहुंचाई जा रही थी। इसके बाद इन खातों से धनराशि ठगों के निजी खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी।

ताजा जानकारी के अनुसार, इस साइबर धोखाधड़ी का मुख्य केंद्र राज्य के उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा से संचालित हो रहा था। इन ठगों की कार्यशैली झारखंड के जामताड़ा गैंग की तरह पाई गई है। जामताड़ा को देश का 'फिशिंग कैपिटल' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां से जुड़े कई फिशिंग मामलों का खुलासा हो चुका है।

गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि इन ठगों को कुछ राजनीतिक दलों का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा, ये लोग शहर के गेस्ट हाउस किराए पर लेकर अपने ऑपरेशन को अंजाम देते हैं और मॉल जैसी जगहों पर अक्सर देखे जाते हैं।

टैब घोटाले के बाद राज्य सरकार ने कन्याश्री योजना के तहत धन वितरण को लेकर सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। महिला और बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने कन्याश्री पोर्टल पर संभावित सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है, जिससे कुछ लाभार्थी खातों के समझौते की आशंका है।

इसके साथ ही विभाग ने फिशिंग हमलों को रोकने के लिए छह-बिंदुओं पर आधारित एक नई पहल शुरू की है। कन्याश्री योजना के तहत राज्य की छात्राओं को मासिक वित्तीय सहायता दी जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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