नविदा आवंटन और बाढ़ राहत प्रयासों में अनियमितताओं को लेकर विपक्ष के नेता ने राज्य सरकार की आलोचना की और विधानसभा से किया वाकआउट
- Neha Gupta
- Oct 30, 2025

श्रीनगर, 30 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने गुरुवार को निविदा आवंटन और बाढ़ राहत प्रयासों में अनियमितताओं को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की। जम्मू-कश्मीर विधानसभा से वाकआउट करते हुए शर्मा ने अगस्त में आई बाढ़ के बाद भारत सरकार को नुकसान आकलन रिपोर्ट जमा करने में देरी पर सवाल उठाया।
शर्मा ने कहा कि अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान हुआ। बाढ़ के कारण गरीबों के घर तबाह हो गए, फसलें बर्बाद हो गईं, बागवानी की जमीनें नष्ट हो गईं, इमारतें नष्ट हो गईं, पशुधन नष्ट हो गया और लोगों की उम्मीदें जम्मू-कश्मीर सरकार पर टिकी थीं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार के मंत्री नुकसान का आकलन करने के लिए यहां आए थे। जम्मू-कश्मीर सरकार से रिपोर्ट जमा करने को कहा गया था। नुकसान आकलन रिपोर्ट अभी तक भारत सरकार को नहीं सौंपी गई है। शर्मा ने आरोप लगाया कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों रुपये के टेंडर आवंटित किए गए। विपक्षी नेता ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने कहा कि आज एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। करोड़ों रुपये के टेंडर सभी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए और एक खास व्यक्ति को फायदा पहुँचाने के लिए आवंटित किए गए हैं। मैं पूछ रहा हूँ कि उस विधानसभा क्षेत्र से विधायक कौन है। उस विधानसभा क्षेत्र से मंत्री कौन है क्या वह उमर साहब का करीबी मंत्री है। अगर आपको कोई शक है, तो आपको इसे सीबीआई को सौंपना चाहिए। शर्मा ने आगे कहा कि उमर साहब ने नौकरी, सिलेंडर, राशन और बिजली का वादा किया था। बदले में उन्होंने क्या दिया। करोड़ों रुपये का घोटाला और यह तो बस एक विभाग का नमूना है। मुख्यमंत्री उमर को इस मुद्दे पर इस्तीफा दे देना चाहिए।



