रांची, 13 अगस्त (हि.स.)। हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री सह इंटक के राष्ट्रीय संगठन सचिव लीलाधर सिंह ने कहा है कि बार-बार की हड़ताल और औद्योगिक अशांति से एचईसी जैसे ऐतिहासिक उद्योग के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके लिए हड़ताल का नेतृत्वकर्ता पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। लीलाधर बुधवार को धुर्वा स्थित कार्यालय कक्ष में यूनियन की बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने हड़ताल के दौरान कानून अपने हाथ में न लेने, कामगारों को धमकाने से बचने और जो कर्मचारी स्वेच्छा से काम पर जाना चाहें, उन्हें जाने देने की अपील की। सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 में नीति आयोग ने एचईसी को बंद करने की सिफारिश कर दी थी, लेकिन पूर्व केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और दिवंगत मजदूर नेता राणा संग्राम सिंह के प्रयासों से यह अब तक चालू है।
यदि उद्योग बंद हुआ तो आने वाली पीढियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि बंद कारखानों की जमीन कभी मालिक को वापस नहीं मिलती है। उन्होंने मौजूदा प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि प्रबंधन बिना केंद्र, राज्य और एसबीआई की मदद के भी वेतन भुगतान कर रहा है।
लीलाधर सिंह ने कहा कि उन्हें एचईसी से कोई भत्ता नहीं मिलता, लेकिन उनकी इच्छा है कि उद्योग चलता रहे, ताकि हजारों कर्मचारियों और उनके परिवारों की रोजी-रोटी सुरक्षित रह सके।
बैठक के दौरान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यूनियन कार्यालय में सुबह 11 बजे झंडोत्तोलन करने और कामगारों की समस्याओं के समाधान पर चर्चा करने में सहमति बनी।
बैठक की अध्यक्षता राजेंद्र कान्त महतो ने की।
बैठक में गिरीश कुमार चौहान, दिलीप कुमार सिंह, खुर्शीद आलम सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar



