गुजरात सरकार की सेवाओं में एआई टेक्नोलॉजी काे बढ़ावा देने के उपायों पर हुआ मंथन

सोमनाथ में आयोजित राज्य सरकार के 11वें चिंतन शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को उपस्थित राज्य सरकार के मंत्री व अधिकारीगण।

- चिंतन शिविर का दूसरा दिन

गिर सोमनाथ, 22 नवंबर (हि.स.)। सोमनाथ में आयोजित राज्य सरकार के 11वें चिंतन शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को ‘सरकारी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए डीप टेक्नोलॉजी’ के उपयोग तथा ‘एआई एवं डेटा एनालिटिक्स’ विषय पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की विशेष उपस्थिति में मार्गदर्शक वक्तव्य सत्र आयोजित किया गया। विशेषज्ञ वक्ता ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए जनहित से जुड़े कामों को नया आयाम दिया जा सकता है।

इस सत्र में एनवीडिया के निदेशक जिगर हालाणी ने सरकार की जन कल्याणकारी सेवाओं की सुलभता एवं सरकारी प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी के उपयोग के विषय में जानकारी दी। हालाणी ने गुजरात को एआई मॉडल बनाने की दिशा में संभावनाओं, उपलब्धताओं तथा गुजरात को एआई मॉडल काे लेकर हाल में हो रहे कामकाज का विवेचन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ वर्तमान में एआई की सहायता से लोग 23 भाषाओं में सुन सकते हैं तथा न्यायालयों में भी एआई का प्रभावशाली उपयोग हाे रहा है। ऐसे में राज्य सरकार के लोक हितकारी अभियानों को अधिक प्रभावी बनाने तथा जन हितैषी सेवाएं लोगों को सरलता से उपलब्ध कराने के लिए एआई टेक्नोलॉजी को माध्यम बना कर जरूरतमंद लोगों तक ऐसी योजनाओं का लाभ किस प्रकार आसानी से पहुंचाया जा सकता है, इसे लेकर उन्होंने प्रेजेंटेशन दिया।

उन्होंने इस बारे में भी विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया कि गुजरात की संस्कृति, सभ्यता तथा कलाएं विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। इस संदर्भ में इस संस्कृति के साथ जुड़ी हुई स्थानीय कलाओं को वैश्विक स्तर पर उजागर कर स्थानीय कला-कारीगरों को रोजगार प्रदान करने में एआई का व्यापक उपयोग किस प्रकार हो सकता है।

इस वक्तव्य सत्र में स्थानीय कारीगरों के ऐसे उत्पादों को अधिक अच्छे ढंग से वैश्विक बाजार में प्रदर्शित करने एवं उनके व्यापार का बड़े पैमाने पर विस्तार करने के लिए एआई का सुचारु उपयोग करने की दिशा में भी मार्गदर्शन दिया गया। जिगर हालाणी ने पाॅवर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी कि गुजरात के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर प्रदान करने में एआई टेक्नोलॉजी किस प्रकार माइल स्टोन सिद्ध हो सकती है तथा एआई का उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है। इस सत्र में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव राज कुमार तथा शिविर में सहभागी उच्चाधिकारी भी शामिल हुए। सभी ने प्रधानमंत्री के विकसित भारत विजन के अनुरूप एआई के इमर्जिंग सेक्टर का राज्य के सर्वग्राही विकास में विनियोग करने पर सामूहिक विचार-मंथन किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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