वाराणसी कचहरी में दो फर्जी अधिवक्ता गिरफ्तार, पहचान पत्र न दिखा पाने पर हुई कार्रवाई

वाराणसी,21 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की कचहरी में गुरुवार को दो फर्जी अधिवक्ताओं को अधिवक्ता वेश में विधिक कार्य करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। दोनों फर्जी अधिवक्ता किसी वैध पहचान पत्र या दस्तावेज के बिना न्यायिक परिसर में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे थे। सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार एसोसिएशन द्वारा गठित अधिवक्ता जांच समिति ने औचक निरीक्षण के दौरान इन दोनों को पकड़ा। जांच के दौरान दोनों के पास से कई महत्वपूर्ण पत्रावलियां और हस्ताक्षरित कागजात बरामद किए गए। जब समिति के सदस्यों ने उनसे अधिवक्ता पहचान पत्र दिखाने को कहा, तो वे कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।

इसके बाद दोनों को बनारस बार कक्ष में लाकर पूछताछ की गई, जिसमें वे संतोषजनक उत्तर देने में असफल रहे। पहचान और दस्तावेजों के अभाव में मामले की सूचना कैंट थाने को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने अपने नाम विनोद कुमार गुप्ता और शिवनंदन पटेल बताए। उल्लेखनीय है कि आठ जुलाई से शुरू हुए इस जांच अभियान के तहत यह पहली बार है जब किसी फर्जी अधिवक्ता को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले पकड़े गए लोगों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता रहा था। इस अभियान में अधिवक्ता दिवाकर द्विवेदी, मंगला तिवारी, कमलेश यादव, गौतम झा, ओमशंकर श्रीवास्तव, अमित उपाध्याय और यामिनी शर्मा शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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